स्व राजमंगल सिंह ने हमेशा समाजवादी नीतियों और सिद्धान्तों की राजनीति की।

रिपोर्ट:- शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज
बाराबंकी। स्व राजमंगल सिंह ने हमेशा समाजवादी नीतियों और सिद्धान्तों की राजनीति की। वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए। उन्होंने समाजवादी युवजन सभा से राजनीति की शुरूआत की। उनकी समाजवादी विचारधारा में अटूट निष्ठा थी। उनका असमायिक निधन समाजवादी अन्दोलन की अपूर्णनीय क्षति है। यह बात सोमवार को गांधी भवन में बीएचयू के पूर्व छात्रनेता एवं समाजसेवी स्व राजमंगल सिंह के निधन पर आयोजित स्मृति सभा में समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के रहने वाले राजमंगल सिंह की सादगी और सज्जनता की महक हमेशा बनी रहेगी। उनके सौम्य और मृदु भाषी व्यक्तित्व से हर कोई प्रभावित था। साथ ही पिछड़े, कमजोर और गरीब वर्ग के लिए वह एक उम्मीद की तरह थे। उनकी छवि पूर्वांचल के कद्दावर समाजवादी नेता के रूप में थी। उन्होंने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आपालकाल में 18 महीना जेल भी रहे। वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री जॉर्ज, फर्नाडिस, शरद यादव, रामविलास पासवान, राज्यपाल फागू चौहान और पूर्व सांसद हर्षवर्द्धन सिंह सरीखे समाजवादियों से उनकी घनिष्ठता रही। राजनीति सुचिता, ईमानदारी, सर्वधर्म समभाव ही उनके जीवन की अनमोल धरोहर थी। वह पिछले कई वर्षाे से पक्षाघात से पीड़ित थे। जिस कारण उनका चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। विगत दिनों उनका 71 वर्ष की आयु में निधन हा गया। उनके असमायिक निधन से गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट परिवार शोकाकुल है। इस दुखद घड़ी में हम सभी उनके परिवार के साथ खड़े हैं। सभा के अन्त में दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर मुख्य रूप से विनय कुमार सिंह, अताउर्रहमान ‘सज्जन‘, शिवशंकर शुक्ला, मृत्युंजय शर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, साकेत मौर्या, सत्यवान वर्मा, नीरज दूबे, अशोक जायसवाल, धनंजय शर्मा, अनिल यादव, तौफीक अहमद आदि लोग मौजूद रहे।