21 नवंबर से शुरू होगा सुप्रसिद्ध लोधेश्वर महादेवा मेला।
रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)
रामनगर बाराबंकी। सुप्रसिद्ध लोधेश्वर महादेवा तीर्थ स्थल में अगहनी लगने वाला मेला 21 नवंबर से होगा प्रारंभ। लेकिन मेले की तैयारियां अभी तक शून्य दिख रही है। जबकि मेला प्रारंभ होने में केवल तीन सप्ताह का समय शेष है। लेकिन मेला व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के द्वारा अभी तक व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं कराया गया है। जबकि प्रत्येक वर्ष अगहनी मेला महोत्सव की तैयारियां करीब बीस दिन पहले से ही प्रारंभ हो जाती थी। परंपरानुसार इस मेले का उद्घाटन जिला अधिकारी बाराबंकी के द्वारा होता चला रहा है।
आपको बता दें कि महाभारत कालीन ऐतिहासिक तीर्थ स्थल लोधेश्वर महादेवा में यूं तो वर्ष में कई मेले लगते हैं लेकिन प्रत्येक वर्ष अगहन मास में लगने वाले मेले का अपना अलग ही महत्व है यह मेला पूरे एक महीने तक चलता है इसे अगहनी मेला के नाम से जाना जाता है। पहले यह मेला बहुत ही मशहूर हुआ करता था प्रदेश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में दुकानदार यहां अपनी अपनी दुकानें लेकर आते थे। यहां का प्रसिद्ध पशु बाजार लोगों को खूब आकर्षित करता है।
सभी प्रकार की लगने वाली दुकानों में खूब बिक्री हुआ करती थी इसके बाद यहां आने वाले दुकानदारों को सहूलियतें कम दी जाने लगी और किराया अधिक वसूला जाने लगा जिसके चलते धीरे-धीरे यह प्रसिद्ध मेला चौपट हो गया।
वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में रामनगर से अमरेश शुक्ला विधायक चुने गए तो उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी विकास गोठलवाल एवं रामनगर के एसडीएम रहे बी एन यादव एवं के के द्विवेदी के साथ मिलकर क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से इस मेले के खोए हुए गौरव को पुनः स्थापित करने का काम किया था ।
एक सप्ताह तक चलने वाले महादेवा महोत्सव में विधायक श्री शुक्ला की अगुवाई में मेला प्रशासन ने बड़े-बड़े नामचीन कलाकारों को बुलाकर उनका कार्यक्रम करवाया था और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से भीड़ जुटाने का भी काम किया था ।
पिछले 15 वर्षों बेहतरीन ढंग से आगामी मेला और मेला महोत्सव का आयोजन होता चला आ रहा है।
कोरोना काल के दौरान जब पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों पर पाबंदी थी तब यहां के मेले में कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सके थे।
इस वर्ष का अगहनी मेला मेला तिथि के अनुसार 21 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है लेकिन तैयारियां पूरी तरह अभी तक शून्य है हालांकि एक बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय पर संपन्न हो चुकी है। लेकिन मेला परिसर में ना तो बैठक बुलाई गई और ना ही किसी प्रकार की साफ सफाई व अन्य तैयारियां शुरू की गई है।