भागवत कथा को सुनने से जिंदगी के सारे पाप कट जाते हैं।
रिपोर्ट :- पुष्पेन्द्र कुमार वर्मा
निंदूरा (बाराबंकी) विकास खंड क्षेत्र के घुंघटेर स्थित प्रसिद्ध ब्रह्मदेव बाबा मंदिर परिसर में चल रही पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार को कथा व्यास गोपाल दास ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं। उन्होंने समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है। कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है। और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता। इस मौके पर जयपाल यादव,दीपक यादव ,अमर सिंह, अनिल कुमार,जगत नरायन आदि लोग उपस्थित रहे।