मधु लिमये भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सेनानी और गोवा मुक्ति आंदोलन के नायकों में से एक थे।

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज
बाराबंकी। मधु लिमये भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सेनानी और गोवा मुक्ति आंदोलन के नायकों में से एक थे। वे एक महान संसदविद्, चिंतक, विद्वान लेखक और भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रेमी भी थे। इन सबके अलावा ईमानदारी और नैतिक मूल्यों में गहरी आस्था उनके व्यक्तित्व की एक महत्वपूर्ण विशेषता थी। यह विशेषता उन्हें अपने समकालीन राजनेताओं की जमात से एकदम अलग, विशिष्ट स्थान पर खड़ा करती थी। मधु लिमये ने राजनीति के दायरे को चौतरफा विस्तार दिया। सदन की गरिमा और उसके जज्बे का जब इतिहास खंगाला जायगा तो वहां मधुलिमये अपनी अलग की पहचान और तेवर लिए मिलेंगे। यह बात गांधी भवन में प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर सांसद एवं समाजवादी चिंतक मधु लिमये की जन्मशती के समापन सभा को सम्बोधित करते हुए स्व. मधु लिमये जन्मशताब्दी वर्ष समारोह समिति के अध्यक्ष एवं मधु लिमये के सहयोगी रहे राजनाथ शर्मा ने कही। इस मौके सभा की अध्यक्षता पूर्व विधायक सरवर अली ने की। सभा में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों ने स्व. मधु लिमये की 101वीं जयन्ती पर उनके चित्र पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक सरवर अली ने कहा कि मधु लिमये का जीवन बहु आयामी और संघर्ष से भरा हुआ था। महात्मा गाँधी से प्रभावित होकर अपने युवाकाल में ही कांग्रेस से जुड़े और कालान्तर में कांग्रेस के समाजवादी ख़ेमे में चले गये। आजादी की लड़ाई में जेल, आजादी के बाद गोवा की आजादी के लिये संघर्ष, जेल और यातना से तप कर निकले मधु लिमिये समाजवादी आंदोलन के अगुआ बने और ताउम्र समाजवादी संघर्ष के अगुआ रहे। जिला सहकारी विकास संघ के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शिवशंकर शुक्ला ने कहा कि मधु लिमये स्वाधीनता संग्राम के सेनानी और गोवा मुक्ति संग्राम के महानायक तथा चार बार लोकसभा के सदस्य थे लेकिन उन्होंने कभी कोई पेंशन नहीं लिया। सांसद नहीं रह जाने के बाद वह पत्र-पत्रिकाओं में लिखकर जीवन यापन करते थे। राजनीति में शिखर पर रहने के बावजूद मधु लिमये के ईमानदार, बेदाग राजनीतिक जीवन और खासतौर से उनकी सादगी के कायल उनके कट्टर राजनीतिक विरोधी भी होते थे। पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी भी मधु लिमये से व्यक्तित्व से काफी प्रभावित रहती थी। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, जमील उर रहमान, विनय कुमार सिंह, नीरज दुबे, अशोक जायसवाल, अजीज अहमद, सत्यवान वर्मा, राजू सिंह, जलाल नईम खान, तौसीफ अहमद, अनिल यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।