बच्चियों की तलाश के लिए लखनऊ से आई एस डी आर एफ टीम
रिपोर्ट- मोबीन मंसूरी
कन्नौज। राजापुरवा गांव में एक दिन पहले गंगा नहाने गईं दो बच्चियां गहरे पानी में डूब गईं। बच्चियों के डूबने की जानकारी मिलते ही पुलिस और ग्रामीणों ने गोताखोरों की मदद से गंगा में बच्चियों की तलाश की, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल सका। गुरूवार को लखनऊ से आई एसडीआरएफ की 10 सदस्यीय टीम ने भी गहरे पानी में जमकर मशक्कत की, लेकिन शाम तक निराशा ही हाथ लगी।
सदर कोतवाली की कुसुमखोर पुलिस चैकी क्षेत्र के राजापुरवा गांव निवासी वेदराम की 9 वर्षीय वर्षीय शशि और राम गोपाल की 10 वर्षीय बेटी प्रिया एक दिन पहले ही गांव के पास से निकलीं गंगा नदी में स्नान के लिए पहुंच गईं। नहाते वक्त वह दोनो अचानक से गहरे पानी में चलीं गईं और डूबने लग गईं। यह नजारा देख कर आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों ने मदद के लिए शोर मचाना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही परिजन, ग्रामीण और चैकी पुलिस मौके पर पहुंच गई। गंगा में डूबी बच्चियों को बचाने के लिए स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया। जब गोताखोरों को बच्चियों का पता लगाने में सफलता नहीं मिली तो गुरूवार को लखनऊ से एसडीआरएफ के हेडकांस्टेबल कर्मवीर सिंह की अगुवाई में 10 सदस्यीय टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई। पूरे दिन एसडीआरएफ टीम ने गंगा के पानी में कडी मशक्कत की, लेकिन बच्चियों का कहीं कोई पता नहीं लग सका। इस प्रकार 36 घंटे बीतने के बाद भी दोनों बच्चियों का कहीं कोई पता नहीं चल सका। घटना के बाद से उनके परिजन बदहावास हैं। उधर बताया गया कि एसडीआरएफ की टीम में शामिल उडीसा से प्रशिक्षण प्राप्त डीप ड्राइवर स्वप्निल उपाध्याय के अलावा सर्मोद यादव, राज कुमार, आलोक कुमार, पंकज यादव, आशुतोष मिश्रा आदि ने थंडरिंग मैथड से पानी के अंदर किशोरियों को खोजने का काम किया। जिसके तहत रबड वोट का निचला हिस्सा पानी में इस कदर घुमाया जाता है कि रेत में दबी हुई बाडी भी पानी में उतरा कर बाहर आ जाती है। इस प्रकार से टीम ने घटनास्थल से लेकर 8 किलो मीटर दूर तक बच्चियों की तलाश पानी के अंदर की, लेकिन उन्हें खोजने में सफलता हाथ नहीं लग सकी।