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बाराबंकी

देवा मेला परिसर की सभी दीवारें, शेड आदि तत्काल पेंट किए जाएं: (जिलाधिकारी)

मेले में बिना चिकित्सा प्रमाण पत्र के जानवर को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

रिपोर्ट :-शिवा वर्मा (सम्पादक)

बाराबंकी। जिलाधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि देवा मेला के पूरे परिसर की सभी दीवारों को तत्काल पेंट किया जाए तथा इसी प्रकार जितने भी टिन शेड आदि हैं उन्हें भी पेंट कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी दीवार शेड गन्दा नजर न आने पाए। उन्होंने कहा कि देवा मेला एवं प्रदर्शनी को पूर्ण रूप से सुरक्षित सम्पन्न कराने के भरसक प्रयास किए जाएं। मेला परिसर में सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए, आवागमन सुचारू रहे, इसे सुनिश्चित कर लिया जाए।
जिलाधिकारी आज देवा मेला आॅडिटोरियम में देवा मेला एवं प्रदर्शनी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री दिनेश कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी श्री अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक सहित सम्बन्धित अधिकारी तथा मेला समिति के सदस्यों में श्री सर्वेश्वर बलि, श्री चौधरी तालिब नजीब, श्री इकबाल मुबश्शिर एवं श्री फौवाद किदवई भी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि मेले में एनसीसी एवं एनएसएस के कैडेट्स की ड्यूटी भी लगाई जाए साथ ही उन्हें ड्यूटी से पूर्व प्रशिक्षित भी किया जाए। पानी के टैंकर टोटियों वाले लगाए जाएं तथा जो अस्थाई शौचालय बनाए जाते है उनको आधुनिक तकनीक से बनाए जाए ताकि गंदगी होने की संभावना कम से कम रहे। उन्होंने कहा कि फोर बेडेड हॉस्पिटल में तीन पालियों में इमरजेंसी प्रशिक्षित डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए तथा बच्चों के एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाएं।
जिलाधिकारी ने कहा कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए। पूरे मेला परिसर को सीसीटीवी से कवर किया जाए, फायर टेंडर सर्विस सतर्क रहें तथा खोया पाया केंद्र सुचारू रूप से चले, इसे भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मेले के सभी इंट्री प्वाइंट्स पर मेटल डिटेक्टर लगाया जाए। बैठक में पशु चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि लंपी बीमारी के कारण गोवंश आदि के आवागमन पर प्रतिबंध है, इस कारण केवल अश्व प्रजाति के जानवर ही मेले में लाए जा सकते हैं। यह भी निर्देश दिए गए कि किसी भी प्रजाति के जानवर को तभी मेले में आने दिया जाएगा, जिसके साथ डॉक्टर का प्रमाण पत्र होगा कि उसे किसी भी प्रकार का कोई संक्रामक रोग नहीं है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं आवश्यकता के अनुरूप करायी जायेंगी। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 5 जोन एवं 23 सेक्टर में बांटा जायेगा। सभी स्थलों पर पी.ए. सिस्टम सहित पर्याप्त मात्रा में सी०सी० टी०वी० कैमरे स्थापित किये जायेंगे, तथा एल.ई.डी. स्थापित कर सम्पूर्ण मेले पर पैनी नजर रखी जायेगी। मेला क्षेत्र में वारसी इण्टर कालेज, भवन में अस्थाई मेला कोतवाली स्थापित की जायेगी, अस्थाई पुलिस लाइन व मेला कन्ट्रोल रूम की भी व्यवस्था रहेगी। मेला कन्ट्रोल रूम से शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था सम्बन्धी प्रबन्धन किया जायेगा। मेला क्षेत्र में आवश्यक स्थलों पर पुलिस वॉच टावर की व्यवस्था एवं एन्टी टेरेरिस्ट टीम का गठन तथा बम निरोधक दस्ते की उपलब्धता सुनिश्चित रखी जायेगी। मेला परिसर में खोया पाया कैम्प स्थापित किया जायेगा। यह निर्दिष्ट किया गया कि उप जिलाधिकारी, नवाबगंज, क्षेत्राधिकारी नगर एवं प्रभारी निरीक्षक कोतवाली देवा के साथ भ्रमण कर एक आपातकालीन कॉरिडोर, हेलीपैड हेतु स्थान, वॉच टावर के स्थान, बैरियर स्थल तथा पार्किंग के स्थान चिन्हित कर लें। अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा यह सुझाव दिया गया कि सभी जोन के अन्तर्गत एक मेडिकल कैम्प की व्यवस्था तथा पुलिस अधिकारियों के साथ एक-एक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगा दी जाये। अपर जिलाधिकारी/सचिव, देवा मेला समिति द्वारा आश्वस्त किया गया कि प्रत्येक जोन में मजिस्ट्रियल ड्यूटी लगायी जायेगी। बैठक के उपरान्त जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी ने दरगाह पर हाजरी दी एवं चादरपोशी की।

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