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अब तकअभी तकसिद्धार्थनगर

तहसील डुमरियागंज अंतर्गत पराली को जलने से रोकने के लिए निम्न उपाय किए गए हैं

सिद्धार्थनगर । तहसील डुमरियागंज अंतर्गत पराली को जलने से रोकने के लिए निम्न उपाय किए गए हैं–
(1) विगत वर्षों में जिन लोगों ने पराली जलाने का प्रयास किया है, ऐसे 72 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है।जिनको ₹200000 से पाबन्द किया जाएगा और जमानत ली जाएगी। अगर उल्लंघन करते हैं तो जमानत धनराशि जब्त करने के साथ जेल भेजा जाएगा ।
(2) तहसीलदार ,नायब तहसीलदार और समस्त थानाध्यक्ष, खंड विकास अधिकारी ,क्षेत्रीय लेखपाल क्षेत्रीय कानूनगो, ग्राम विकास अधिकारी, चौकीदार हल्का सिपाही सभी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है। यदि पराली जलती है तो संबंधित क्षेत्र के कर्मचारी और अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।IMG 20201015 WA0100
(3 ) कंबाइन मशीन के मालिकों के साथ बैठक कर निर्देशित कर दिया गया है कि तहसील प्रशासन से अनुमति लेकर ही कंबाइन क्षेत्रों में चलाएंगे और किसानों से घोषणा पत्र भरकर ही फसलों को काटेंगे ।
(4) सभी किसानों को घोषणा पत्र पराली ना जलने का देना होगा ,तभी फसल काटी जाएगी। यदि कोई किसान घोषणापत्र का उल्लंघन करता है तो जुर्माने के साथ जेल भेजने की भी कार्यवाही की जाएगी ।
(5)खंड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसानों द्वारा पराली काटे जाने पर नियमानुसार खरीद कर या जन सहयोग लेकर गौशाला में भिजवाए। सभी किसान अपने ग्राम विकास अधिकारी से संपर्क कर पराली को गौशाला में भिजवाने सुनिश्चित करेंगे ।
(6)किसानों और संभ्रांत व्यक्तियों को जागरूक करने के लिए विकासखंड और थाना स्तर पर बैठ कर की जा चुकी हैं और जन सहयोग के लिए प्रेरित किया जा चुका है।IMG 20201015 WA0101
उल्लेखनीय है कि फसल अवशेष को खेत मे जलाने से मिट्टी की शक्ति कमजोर होती है पर्यावरण को संकट पहुंचता है ,पर्यावरण प्रदूषित होता है। इससे पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा उत्पन्न होता है इसलिए पराली को खेतों में जलाना परा पर्यावरण के साथ किसानों के लिए भी हितकर नहीं है ।समस्त किसानों से भी अपील की जाती है की खेतों में पराली ना जलाएं बल्कि पराली का उपयोग गौशाला मे भेजे।

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