डॉ जी.जी. पारिख आधुनिक भारत में स्वतंत्रता आन्दोलन की कड़ी के अन्तिम सुप्रसिद्ध समाजवादी हैं।
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रिपोर्ट :-शिवा वर्मा (सम्पादक)
बाराबंकी। डॉ जी.जी. पारिख आधुनिक भारत में स्वतंत्रता आन्दोलन की कड़ी के अन्तिम सुप्रसिद्ध समाजवादी हैं। जिन्होंने अपने वक्त और बाद की पीढ़ी पर काफी असर डाला। वह 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के समय विद्यार्थी थे और इस आंदोलन में अरूणा आसफ अली के साथ ग्वालिया टैंक मैदान में झण्डा फहराया। इस कारण उन्हें दस माह जेल में भी रहना पड़ा। जेल से छूटने के बाद उनका संघर्ष जारी रहा और आजाद भारत में भी वह किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों के संघर्षों से जुड़े रहे। जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे।
आपातकाल विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया। ऐसे स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी चिन्तक, लेखक एवं वयोवृद्ध चिकित्सक डॉ. जी.जी पारिख आगामी 30 दिसंबर को अपने जीवन के 100 वर्ष पूरे कर रहे है। उनकी जन्म शताब्दी पर मुम्बई, दिल्ली समेत बाराबंकी में भी भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने दी। श्री शर्मा ने बताया कि आगामी 30 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे देवा रोड स्थित गांधी भवन डॉ जी.जी पारिख की जन्मशताब्दी वर्ष पर शताब्दी जन्म दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन चन्द्र तिवारी उपस्थित रहेंगे। उक्त समारोह में डॉ. जी.जी पारिख के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाएगी।