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दिल्लीभारत

केन्द्रीय उर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री ने हरित उर्जा खुली पहुंच।

 

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज़

श्री आर.के. सिंह ने उद्योगों से हरित उर्जा अपनाने का लक्ष्य तय करने को कहा, उनसे ऐसे मामलों को सरकार के संज्ञान में लाने को कहा जहां हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

हरित उर्जा खुली पहुंच नियम 2022, कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत कटौती लाने के एनडीसी के 2030 के लिये तय लक्ष्य के अनुरूप उस दिशा में उठाया गया एक प्रमुख कदम हैः (केन्द्रीय उर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह)

केन्द्रीय उर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री ने उद्योगों को हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों को अपनाने में सभी तरह की मदद देने का आश्वासन दिया।

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केन्द्रीय उर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री ने हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों पर उद्योग और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।

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केन्द्रीय उर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों पर नयी दिल्ली में उद्योगों और अन्य संबंध पक्षों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक हाइब्रिड तरीके से हुई जिसमें 500 से अधिक भागीदारों ने वर्चुअल तरीके से बैठक में भाग लिया जबकि करीब 50 बैठक में उपस्थित थे। भागीदारों ने बैठक में हरित खुली पहुंच (ओपन एक्सेस) नियमों को लेकर उनके समक्ष आने वाली कई समस्याओं को उठाया। सरकार ने बिजली (हरित उर्जा खुली पहुंच के जरिये नवीकरणीय उर्जा का संवर्धन) नियम 2022 को पिछले साल 06 जून 2022 को अधिसूचित किया है। ये नियम सभी के लिये सस्ती, विश्वसनीय, टिकाउ और हरित उर्जा उद्देश्य के साथ भारत के महत्वकांक्षी नवीकरणीय उर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये बनाये गये हैं।

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श्री सिंह ने इस मौके पर अपने संबोधन में उद्योग जगत से हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों के प्रावधान का लाभ उठाने और तर्कसंगत दरों पर हरित बिजली प्राप्त करने के साथ साथ एक बेहतर हरित और टिकाउ परिवेश बनाने में योगदान के लिये हरित उर्जा अपनाने के लक्ष्य तय करने का आह्वान किया। केन्द्रीय उर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री ने कहा ’’हरित उर्जा खुली पहुंच नियम 2022 भारत को हरित उर्जा की ओर ले जाने और भारत के 2030 के लिये एनडीसी के अद्यतन लक्ष्य, कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत कटौती को हासिल करने की दिशा में एक प्रमुख कदम है। इससे बिजली की लागत में भी उल्लेखनीय कमी आयेगी। मैं चाहता हूं कि आप सभी नये नियमों का फायदा उठायें और भविष्य की पीढ़ी के लिये हरित पृथ्वी छोड़कर जाने के दृष्टिकोण के साथ काम करें।’’

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श्री सिंह ने उद्योग हितधारकों से यह भी कहा कि वह सरकार के समक्ष ऐसे मामलों को लायें जहां हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों का सहीं ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है, ताकि सरकार ऐसे मुद्दों को संबंधित एजेंसियों के समक्ष उठा सके और जरूरत पड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सके। उद्योगों को इस अवसर पर हरित उर्जा अपनाने के लिये जरूरत पड़ने पर नियामकीय, नीतिगत, निकासी सुविधायें, संपर्क नेटवर्क, जीएनए सहित तमाम समस्याओं के समाधान का भी आश्वासन दिया गया।

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हरित उर्जा खुली पहुंच नियमों की मुख्य बातें-

हरित उर्जा खुली पहुंच से आम उपभोक्ताओं को होने वाले फायदे और उनकी मुख्य विशेषतायें इस प्रकार हैः-

(क) ये नियम अपशिष्ट से उर्जा संयंत्रों सहित हरित उर्जा उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिये अधिसूचित किये गये हैं।

(ख) हरित खुली पहुंच की सभी उपभोक्ताओं के लिये अनुमति है। इसके तहत लेनदेन सीमा को एक मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट कर दिया गया है ताकि छोटे उपभोक्ता भी खुली पहुंच सुविधा के तहत नवीकरणीय उर्जा की खरीद-फरोख्त कर सकें।

(ग) उपभोक्ता वितरण कंपनियों से हरित उर्जा आपूर्ति की मांग कर सकते हैं। वितरण कंपनियां हरित उर्जा की खरीद कर उसे पात्र उपभोक्ता को आपूर्ति करने बाध्य होंगी।

(घ) हरित उर्जा के लिये खुली पहुंच देने के वास्ते समूची मंजूरी प्रक्रिया नियमों को सरल बनाया गया है। आवेदन में एकरूपता और पारदर्शिता लाकर उनके समयबद्व प्रसंस्करण के साथ साथ एक राष्ट्रीय पोर्टल के जरिये खुली पहुंच की मंजूरी का भी अधिकार दिया गया है।

(ड़) वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को स्वैच्छिक आधार पर हरित बिजली खरीदने की अनुमति दी गई है।

(च) हरित उर्जा खुली पहुंच उपभोक्ताओं को खुली पहुंच शुल्क के मामले में सुनिश्चितता दी गई है। इसमें पारेषण शुल्क, व्हीलिंग चार्जेज, क्रास सब्सिडी अधिभार, जहां लागू होंगे स्टैण्डबाई चार्ज, बैंकिंग शुल्क और अन्य फीस, इसके अलावा लोड डिस्पैच सेंटर फीस, और समय सारिणी शुल्क आयोग के संबंधित नियमन के मुताबिक परिवर्तन निपटान शुल्क आदि इसमें शामिल हैं।

(छ) क्रास सब्सिडी शुल्क बढ़ाने की सीमा तय होगी इसके साथ ही अतिरिक्त अधिभार को हटाया गया है ताकि उपभोक्ता हरित उर्जा अपनाने के लिये प्रोत्साहित हो।

(ज) वितरण लाइसेंसधारी क्षेत्र की सभी दायित्ववाली इकाईयों के लिये एक समान नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ) होगा। आरपीओ पूर्ति के लिये हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया को भी शामिल कर लिया गया है।

(झ) उपभोक्ता यदि हरित उर्जा उपभोग करते हैं तो उन्हें हरित प्रमाणपत्र दिया जायेगा और सम्मानित भी किया जायेगा।

इलेक्ट्रिसिटी कानून 2003 के तहत शुल्क निर्धारण एक योग्य आयोग द्वारा किया जायेगा। इस लिहाज से हरित उर्जा के लिये शुल्क का निर्धारण योग्य आयोग द्वारा किया जायेगा और यह निर्धारण नवीकरणीय उर्जा, क्रास-सब्सिडी शुल्कों, यदि कोई है, और सेवा शुल्क जिसमें वितरण लाइसेंसधारक द्वारा उपभोक्ताओं को हरित उर्जा उपलब्ध कराने में आने वाली उचित लागत शामिल होगी।

उर्जा मंत्रालय पहले ही ग्रिड कंट्रोलर आफ इंडिया लिमिटेड को केन्द्रिय नोडल एजेंसी के तौर पर अधिसूचित कर चुका है जो कि हरित खुली पहुंच रजिस्ट्री (जीओएआर) पोर्टल के तौर पर काम करता है। यह हरित उर्जा खुली पहुंच के तहत पंजीकरण और आवेदन करने के लिये एकल खिड़की पोर्टल है। संबंधित भागीदारों के लिये आवेदनों को मंजूरी देने, अस्वीकार करने, संशोधन, कांट- छांट करने संबंधी सभी सूचनायें वेब आधारित जीओएआर पोर्टल (https://greenopenaccess.in ) के जरिये उपलब्ध होंगी। यह एक केन्द्रिय रजिस्ट्री के तौर पर काम करता है।

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