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उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज नई दिल्ली में ‘मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक का विमोचन किया

शिवा वर्मा के साथ समित अवस्थी की रिपोर्ट

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज नई दिल्ली में ‘मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक का विमोचन किया

यह पुस्तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गवर्नेंस में 20 साल पर अनेक प्रख्यात बुद्धिजीवियों और विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा लिखे गए अध्यायों का संकलन है

गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भी इस पुस्तक में एक अध्याय लिखा है

मोदी जी के 20 साल हेड ऑफ द गवर्नमेंट रहने के नाते भारत और गुजरात में जिस तरह से परिवर्तन आया है उसे सभी ने देखा है परंतु राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी के नाते मैं यह जरूर कहना चाहता हूँ कि इससे पीछे के समय में जाने की जरूरत है

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अगर हम मोदी जी के 20 साल हेड ऑफ द गवर्नमेंट के अनुभव से पहले के 30 साल का अध्ययन नहीं करते तो वह अधूरा रह जाएगा

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पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में बिल्कुल गरीबी से उठकर देश के प्रधानमंत्री बनने, एक छोटे से कार्यकर्ता से लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टियों में सबसे लोकप्रिय नेतृत्व बनने और आज पूरा विश्व जिसका नेतृत्व स्वीकार करता है भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बनने तक के सफर को जानने के लिए हमें 30 साल पीछे जरूर जाना चाहिए

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मैंने मोदी जी को संगठन के कार्यकर्ता के नाते छोटे से छोटे गांव में कभी बस, कभी मोटरसाइकिल और कभी ऑटो में बैठ कर गरीब से गरीब के घर में इतनी ही सहजगता से खाना खाते देखा है

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हम सब लोगों के लिए यह एक कूट प्रश्न है कि समस्याओं को समझने की इतनी बड़ी शक्ति मोदी जी में कहां से आती है, नीति निर्धारण करते वक्त छोटे से छोटे व्यक्ति के लिए नीति हो यह आग्रह कहां से आता है और नीति सर्वसमावेशी व सर्वस्पर्शीय हो यह विचार कहां से आता है

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परिश्रम, संवेदना, संवेदना के साथ समस्याओं को समझना और उनका विश्लेषण करना , विश्लेषण के आधार पर समस्या का समाधान ढूंढने की प्रक्रिया 30 साल चलती है तब जाकर एक सफल नेता बनता है

लोगों की गरीबी, समस्याएं, समाज में फैली अव्यवस्थाएं और लोकतंत्र के प्रति लोगों का उठता विश्वास देखकर अगर दिल में टीस और दर्द नहीं होता है तो कोई नरेंद्र मोदी नहीं बन पाता है

उनका जो यह संवेदनशील स्वभाव है इसी से एक दर्द की निर्मिती होती है और उसी में सभी समस्याओं का समाधान निकला है

भारत के जनमानस, समस्याओं और समाज की सांस्कृतिक विविधताओं को समझना और समझते समझते भारत की संस्कृति के प्रति दिल में अपार गौरव पैदा करना, समस्याओं के समाधान की दिशा की इस प्रक्रिया ने ही मोदी जी को आज इस स्थान पर बैठाया है

मोदी जी जब मुख्यमंत्री बने उससे पहले उन्होने कोई चुनाव नहीं लड़ा था,किसी पंचायत के सदस्य भी नहीं थे और ऐसे व्यक्ति को अचानक भूकंप से पीड़ित एक राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया जाता है

उसके बाद बार-बार चुनकर आना और इतने यशस्वी तरीके से गवर्नेंस करना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, गुजरात के अंदर सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शीय विकास मोदी जी के व्यक्तित्व का परिचय कराता है

गरीबी से गुजरे बचपन के कारण मोदी जी गरीब आदमी की कठिनाइयों और दिक्कतों से भलीभांति परिचित थे, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने संवेदनशील तरीके से समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए योजनाएं कैसे बन सकती है और उन्हे अंतिम व्यक्ति तक किस तरह पहुंचाया जा सकता है लोगों के सामने इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण दिया

मोदी जी ने योजनाओं को लोकाभिमुख बनाया, गुजरात के कृषि महोत्सव मॉडल की स्टडी करने वाले को मालूम पड़ेगा कि परिवर्तन किस प्रकार से आता है, कृषि महोत्सव की परंपरा ने सिद्ध कर दिया कि लोकतंत्र में एडमिनिस्ट्रेशन को कैसे जवाबदेह बनाया जा सकता है

कृषि महोत्सव से मोदी जी ने योजनाओं के साइज और स्केल दोनों को बदलने का काम किया और योजनाओं को संपूर्ण समस्या के उन्मूलन की दिशा में प्रेरित किया

पहले योजनाएं बनती थी कि इस बजट में इतने गांव के अंदर बिजली, इतने घरों के अंदर बिजली लगाएँगें, इतने घरों में शौचालय बनाएंगे, इतने लोगों को स्वास्थ्य कार्ड देंगे, लेकिन अगर आप मोदी जी की योजनाओं की स्टडी करेंगे तो उसमें संख्या नहीं बल्कि समस्या का संपूर्ण उन्मूलन होता है

देश में हर घर में बिजली, शौचालय, गैस सिलेंडर और नल से पीने का पानी जैसी पहल से समस्याओं का संपूर्ण उन्मूलन उनकी योजनाओं की विशेषता रही है और मोदी जी ने एक दृष्टि से साइज और स्केल दोनों को परिवर्तित किया है

नीतियों के निर्धारण के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से पहले की सरकार को पॉलिसी पैरालिसिस वाली सरकार कहते थे, मोदी जी ने नीतियां कैसे निर्धारित हो सकती है इसके लिए पिछले 8 साल में दुनिया के सामने ढेर सारा स्टडी मेटेरियल उपलब्ध कराया है

भारत ने पहले कभी भी अंतरिक्ष के लिए नीति बनाने के बारे में नहीं सोचा था, मोदी जी ने अंतरिक्ष नीति बनाकर आज एक बहुत बड़ा बाजार भारत के लिए खोला है और मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूँ कि इस क्षेत्र में भी भारत ग्लोबल प्लेयर बनने जा रहा है

देश में ड्रोन की पॉलिसी नहीं थी, इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और श्री नरेंद्र मोदी जी ने ड्रोन पॉलिसी बनाकर एक बहुत बड़ा नया बिजनेस स्पेस खोलने का काम किया है

अब तक जितनी भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आई उन्होंने बच्चों के रोजगार की चिंता की, मगर न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में बच्चों की क्षमता को बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है

अगर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को बारीकी से देखें तो इसने हर बच्चों की अनंत संभावनाओं को शत-प्रतिशत बाहर लाने का एक प्लेटफार्म देने का काम किया है

पहले बनाई गईं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी विवाद में पड़ी हैं, मगर प्रधानमंत्री मोदी जी जो न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लेकर आए इस पर आज पूरे देश और दुनिया में एक भी विरोध का शब्द सुनाई नहीं देता

इसका प्रमुख कारण नीति बनाते वक्त मोदी जी का गहराइयों के साथ जड़ से समस्या के समाधान के बारे में सोचने का स्वभाव है

मैंने अपने जीवन में मोदी जी से बड़ा श्रोता कभी नहीं देखा, वे बहुत ही एकाग्रता के साथ सुनते हैं, बहुत धैर्य के साथ सुनना ही उनका सबसे बड़ा गुण है

अंग्रेजी में एक कहावत है कि ‘ब्लड इज थिकर देन वॉटर’ क्योंकि व्यक्ति अपने आसपास और अपने परिवार जनों की ही सोचता है, परिवार के बाद समाज की सोचता है, मगर मोदी जी ने इस वक्तव्य को गलत साबित कर दिया है, वे समाज को ही अपना परिवार मानकर आगे बढ़े

मोदी जी की सोच की दिशा ऊर्ध्व है, वे हमेशा रचनात्मक तरीके व उच्च लक्ष्यों की सोचते हैं और सबसे ज्यादा परिणाम लाने की सोचते हैं, इस ऊर्ध्व गति की सोच ने इस देश के अंदर बहुत बड़ा परिवर्तन किया है

मोदी जी की हर सोच में देश की सोच सबसे ऊपर और सबसे ज्यादा होती है और इसीलिए आज 130 करोड़ की आबादी के मन में यह विश्वास है कि जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी तब हम भारत को एक महान देश के रूप में पाएंगे

श्री नरेंद्र मोदी जी 130 करोड़ लोगों में यह आत्मविश्वास प्रत्यर्पित कर पाए हैं क्योंकि उनमें कूट कूट कर अनन्य राष्ट्रभक्ति भारी है

प्रमाणिकता और पारदर्शिता के बारे में मोदी जी के विरोधी भी उन पर कोई आरोप नहीं लगा सकते, मोदी जी नीतियों के निर्धारण के लिए कभी जल्दबाजी नहीं करते मगर उनको लागू करने में जो दृढ़ता है वह अच्छे-अच्छे को आश्चर्यचकित करने वाली है

मोदी जी की सरकार लोगों को अच्छा लगे ऐसा फैसला नहीं लेती है बल्कि लोगों के लिए अच्छे हो ऐसे फैसले लेती है, वे वोट के लिए राजनीति नहीं करते

दलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़ों के लिए अथाह प्रेम और संवेदनशीलता और उनके कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहना मोदी जी की विशेषता है

आर्थिक सुधार और टेक्नोलॉजी को भारत के अनुरूप बनाकर भारत सरकार में लाने का काम देश में सबसे पहले अगर किसी ने किया है तो श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है

पहले भारत की रक्षा नीति कभी विदेश नीति की परछाई से बाहर नहीं आ पाती थी, लेकिन मोदी जी की विदेश नीति ने यह प्रस्थापित कर दिया कि हम सबके साथ दोस्ती रखना चाहते हैं मगर भारत की सुरक्षा हमारा प्राथमिक लक्ष्य है, यह स्पष्टता इतनी क्लेरिटी के साथ 7 दशक में किसी अन्य नेता ने नहीं दी

अमृत महोत्सव से शताब्दी तक के काल को अमृत काल और संकल्प सिद्धी का काल कहकर मोदी जी ने 25 साल के बाद महान भारत की रचना का लक्ष्य रखकर यह साबित कर दिया है कि वे केवल और केवल भरत की महानता के लिए सोचते हैं

बिना किसी पारिवारिक बैकग्राउंड और राजनीतिक उठापटक के एक व्यक्ति जनता का मैंडेट लेकर प्रधानमंत्री बनता है, जनता बार-बार चुनाव में उनका अनुमोदन करती है तो यह स्वीकार करना पड़ेगा कि भारत की जनता ने मोदी जी को स्वीकारा किया है और जनता उन्हें मन से प्यार करती है

मोदी जी ने नई एजुकेशन पॉलिसी में भारतीय भाषाओं को एक नया आयुष और बढ़ावा देने का काम किया है, इसके लिए मैं उनको लाख-लाख साधुवाद देना चाहता हूँ

प्रधानमंत्री मोदी जी ने जनता का भरोसा जीता है, शास्त्री जी के बाद पहली बार देखा कि हर व्यक्ति बिना किसी सरकारी आदेश के यह कह दे कि हम 24 घंटा बाहर नहीं निकलेंगे, दिया जलाएंगे, घंटी बजाएंगे और कोरोना वरियर्स का स्वागत करेंगे

पूरा देश एक नेता के कहने पर अपने आपको घर में बंद कर ले ऐसी स्वीकृति शायद ही किसी नेता के भाग्य में हो, यह भरोसा निस्वार्थ जीवन और अनन्य राष्ट्रभक्ति की वजह से बना है

हर पार्टी के अंदर कई प्रकार के नेता होते हैं, मगर संगठन और सरकार दोनों में यशस्वी तरीके से काम करने वाले एकमात्र नेता श्री नरेंद्र मोदी हैं, जो संगठन को भी एक नई ऊंचाई तक ले गए, मोदी जी ने पार्टी को वैश्विक पहचान देने का काम किया है

2012 से 14 के बीच में एक ऐसा कालखंड आया जब पूरे देश की श्रद्धा हमारे मल्टी पार्टी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक सिस्टम से उठ गई थी, लोग सोचने लगे थे की व्यवस्था फेल हो चुकी है, यह व्यवस्था देश को आगे नहीं ले जा सकती

उस वक्त श्री नरेंद्र मोदी जी को हमारी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाया, जनता ने गुजरात के गवर्नेंस के बैकग्राउंड पर उनको देश का नेता चुना, प्रधानमंत्री बनाया और आज हमारी जनता में कोई असमंजस नहीं है कि हमारा मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम डिलीवर कर सकता है या नहीं

मोदी जी ने लोकतंत्र के प्रति सभी लोगों की आस्थाओं को गहराई तक पहुंचाने का काम किया है और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है

देश के लोगों और विशेष रूप से युवाओं को मोदी जी के बारे में जानना चाहिए, अगर हमें मोदी जी के रास्ते पर चलना है तो ढेर सारा परिश्रम, परिश्रम की पराकाष्ठा और स्वंय को पिघालकर काम करने की आदत डालनी होगी तभी हम इस रास्ते पर चल सकते हैं

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आज नई दिल्ली में ‘मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। यह पुस्तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गवर्नेंस में 20 साल पर अनेक प्रख्यात बुद्धिजीवियों और विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा लिखे गए अध्यायों का संकलन है। गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भी इस पुस्तक में एक अध्याय लिखा है।

विमोचन समारोह में श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के 20 साल हेड ऑफ द गवर्नमेंट रहने के नाते भारत और गुजरात में जिस तरह से परिवर्तन आया है उसे सभी ने देखा है परंतु राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी के नाते मैं यह जरूर कहना चाहता हूँ कि इससे पीछे के समय में जाने की जरूरत है। अगर हम मोदी जी के 20 साल हेड ऑफ द गवर्नमेंट के अनुभव से पहले के 30 साल का अध्ययन नहीं करते तो वह अधूरा रह जाएगा। पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में बिल्कुल गरीबी से उठकर देश के प्रधानमंत्री बनने, एक छोटे से कार्यकर्ता से लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टियों में सबसे लोकप्रिय नेतृत्व बनने और आज पूरा विश्व जिसका नेतृत्व स्वीकार करता है भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बनने तक के सफर को जानने के लिए हमें 30 साल पीछे जरूर जाना चाहिए। मोदी जी के पहले तीन दशक संगठन के अंदर गुजरे, मैंने मोदी जी को संगठन के कार्यकर्ता के नाते छोटे से छोटे गांव में कभी बस, कभी मोटरसाइकिल और कभी ऑटो में बैठ कर गरीब से गरीब के घर में इतनी ही सहजगता से खाना खाते देखा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि हम सब लोगों के लिए यह एक कूट प्रश्न है कि समस्याओं को समझने की इतनी बड़ी शक्ति मोदी जी में कहां से आती है। नीति निर्धारण करते वक्त छोटे से छोटे व्यक्ति के लिए नीति हो यह आग्रह कहां से आता है और नीति सर्वसमावेशी व सर्वस्पर्शीय हो यह विचार कहां से आता है, इसका जवाब 30 साल के अंदर है। उन्होंने कहा कि परिश्रम, संवेदना, संवेदना के साथ समस्याओं को समझना और उनका विश्लेषण करना , विश्लेषण के आधार पर समस्या का समाधान ढूंढने की प्रक्रिया 30 साल चलती है तब जाकर एक सफल नेता बनता है। लोगों की गरीबी, समस्याएं, समाज में फैली अव्यवस्थाएं और लोकतंत्र के प्रति लोगों का उठता विश्वास देखकर अगर दिल में टीस और दर्द नहीं होता है तो कोई नरेंद्र मोदी नहीं बन पाता है। उनका जो यह संवेदनशील स्वभाव है इसी से एक दर्द की निर्मिती होती है और उसी में सभी समस्याओं का समाधान निकला है। भारत के जनमानस, समस्याओं और समाज की सांस्कृतिक विविधताओं को समझना और समझते समझते भारत की संस्कृति के प्रति दिल में अपार गौरव पैदा करना और समस्याओं के समाधान की दिशा की इस प्रक्रिया ने ही मोदी जी को आज इस स्थान पर बैठाया है।

गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 20 साल से मोदी जी ने कई उपलब्धियां हासिल की है और ढेर सारे लोगों ने इनका विश्लेषण भी किया है, खासकर कर एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस के लिए मोदी जी ने जो उपलब्धियां हासिल की है उनका बहुत अच्छी तरीके से मूल्यांकन किया गया है। मगर मैं एक बात कहना चाहता हूं कि आप एक ऐसे व्यक्ति का मूल्यांकन कर रहे हो जिसको मुख्यमंत्री बनने से पहले पंचायत चलाने का भी अनुभव नहीं था। मोदी जी जब मुख्यमंत्री बने उससे पहले उन्होने कोई चुनाव नहीं लड़ा था,किसी पंचायत के सदस्य भी नहीं थे और ऐसे व्यक्ति को अचानक भूकंप से पीड़ित एक राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया जाता है। उसके बाद बार-बार चुनकर आना और इतने यशस्वी तरीके से गवर्नेंस करना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। गुजरात के अंदर सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शीय विकास मोदी जी के व्यक्तित्व का परिचय कराता है। गरीबी से गुजरे बचपन के कारण मोदी जी गरीब आदमी की कठिनाइयों और दिक्कतों से भलीभांति परिचित थे, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने संवेदनशील तरीके से समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए योजनाएं कैसे बन सकती है और उन्हे अंतिम व्यक्ति तक किस तरह पहुंचाया जा सकता है लोगों के सामने इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण दिया।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने योजनाओं को लोकाभिमुख बनाया और गुजरात के कृषि महोत्सव मॉडल की स्टडी करने वाले को मालूम पड़ेगा कि परिवर्तन किस प्रकार से आता है। गुजरात के कृषि महोत्सव की परंपरा ने सिद्ध कर दिया कि लोकतंत्र में एडमिनिस्ट्रेशन को कैसे जवाबदेह बनाया जा सकता है। कृषि महोत्सव से मोदी जी ने योजनाओं के साइज और स्केल दोनों को बदलने का काम किया और योजनाओं को संपूर्ण समस्या के उन्मूलन की दिशा में प्रेरित किया। उन्होने कहा कि पहले योजनाएं बनती थी कि इस बजट में इतने गांव के अंदर बिजली, इतने घरों के अंदर बिजली लगाएँगें, इतने घरों में शौचालय बनाएंगे, इतने लोगों को स्वास्थ्य कार्ड देंगे। लेकिन अगर आप मोदी जी की योजनाओं की स्टडी करेंगे तो उसमें संख्या नहीं बल्कि समस्या का संपूर्ण उन्मूलन होता है। देश में हर घर में बिजली, शौचालय, गैस सिलेंडर और नल से पीने का पानी जैसी पहल से समस्याओं का संपूर्ण उन्मूलन उनकी योजनाओं की विशेषता रही है और मोदी जी ने एक दृष्टि से साइज और स्केल दोनों को परिवर्तित किया है। श्री शाह ने कहा कि यह भी कहा कि गुजरात की प्राइमरी एजुकेशन पूरे देश के लिए एक मॉडल है।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लयबद्ध तरीके से अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं। हर घर में शौचालय पहुंचाया, साफ सफाई के लिए बहुत बड़ा अभियान शुरू किया और स्वच्छता की संस्कृति को पुनर्जीवित किया। साथ ही फिट इंडिया मूवमेंट चलाया, योग दिवस और योग का महत्व पूरी दुनिया और देश में प्रस्थापित किया और पोषण अभियान को महत्व देते हुए बच्चे और माता की इम्युनिटी से संबंधित मिशन इंद्रधनुष जैसी योजनाएँ शुरू कीं। आयुष्मान भारत के अंतर्गत हर व्यक्ति को पाँच लाख रुपए तक की सभी स्वास्थ्य सेवाएं फ्री देकर देश के 60 करोड लोगों के दिमाग से स्वास्थ्य का बोझ हटाने का काम किया।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नीतियों के निर्धारण के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से पहले की सरकार को पॉलिसी पैरालिसिस वाली सरकार कहते थे। मोदी जी ने नीतियां कैसे निर्धारित हो सकती है इसके लिए पिछले 8 साल में दुनिया के सामने ढेर सारा स्टडी मेटेरियल उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले कभी भी अंतरिक्ष के लिए नीति बनाने के बारे में नहीं सोचा था, मोदी जी ने अंतरिक्ष नीति बनाकर आज एक बहुत बड़ा बाजार भारत के लिए खोला है और मैं पूरे भरोसे से कह सकता हूँ कि इस क्षेत्र में भी भारत ग्लोबल प्लेयर बनने जा रहा है। देश में ड्रोन की पॉलिसी नहीं थी, इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और नरेंद्र मोदी जी ने ड्रोन पॉलिसी बनाकर एक बहुत बड़ा नया बिजनेस स्पेस खोलने का काम किया है।

श्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री जी नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं और मैं इसके प्रति बहुत आशान्वित हूँ। अब तक जितनी भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आई उन्होंने बच्चों के रोजगार की चिंता की मगर न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में बच्चों की क्षमता को बढ़ाने पर ज़ोर दिया है। अगर व्यक्ति की कैपेसिटी नहीं बढ़ती तो वह बड़ा आदमी नहीं बन सकता। उन्होने कहा कि अगर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को बारीकी से देखें तो इसने हर बच्चों की अनंत संभावनाओं को शत-प्रतिशत बाहर लाने का एक प्लेटफार्म देने का काम किया है। पहले बनाई गईं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी विवाद में पड़ी हैं, मगर प्रधानमंत्री मोदी जी जो न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लेकर आए इस पर आज पूरे देश और दुनिया में एक भी विरोध का शब्द सुनाई नहीं देता। इसका प्रमुख कारण नीति बनाते वक्त मोदी जी का गहराइयों के साथ जड़ से समस्या के समाधान के बारे में सोचने का स्वभाव है। कृषि के अंदर भी ढेर सारे परिवर्तन हुए हैं और अब कुछ इस प्रकार की पॉलिसी बनी हैं जिनमें मोदी जी ने हमारे देश के युवा को विश्व के युवाओं के साथ कॉन्पिटिशन करने का एक मंच उपलब्ध कराया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तिगत गुणों के बारे में श्री अमित शाह ने कहा कि मैंने अपने जीवन में मोदी जी से बड़ा श्रोता कभी नहीं देखा, वे बहुत ही एकाग्रता के साथ सुनते हैं, बहुत धैर्य के साथ सुनना ही उनका सबसे बड़ा गुण है। उन्होने कहा कि अंग्रेजी में एक कहावत है कि ‘ब्लड इज थिकर देन वॉटर’ क्योंकि व्यक्ति अपने आसपास और अपने परिवार जनों की ही सोचता है, परिवार के बाद समाज की सोचता है, मगर मोदी जी ने इस वक्तव्य को गलत साबित कर दिया है, वे समाज को ही अपना परिवार मानकर आगे बढ़े। मोदी जी की सोच की दिशा ऊर्ध्व है, वे हमेशा रचनात्मक तरीके व उच्च लक्ष्यों की सोचते हैं और सबसे ज्यादा परिणाम लाने की सोचते हैं। इस ऊर्ध्व गति की सोच ने इस देश के अंदर बहुत बड़ा परिवर्तन किया है। श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी की हर सोच में देश की सोच सबसे ऊपर और सबसे ज्यादा होती है और इसीलिए आज 130 करोड़ की आबादी के मन में यह विश्वास है कि जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी तब हम भारत को एक महान देश के रूप में पाएंगे। श्री नरेंद्र मोदी जी 130 करोड़ लोगों में यह आत्मविश्वास प्रत्यर्पित कर पाए हैं क्योंकि उनमें कूट कूट कर अनन्य राष्ट्रभक्ति भारी है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रमाणिकता और पारदर्शिता के बारे में मोदी जी के विरोधी भी उन पर कोई आरोप नहीं लगा सकते, मोदी जी नीतियों के निर्धारण के लिए कभी जल्दबाजी नहीं करते मगर उनको लागू करने में जो दृढ़ता है वह अच्छे-अच्छे को आश्चर्यचकित करने वाली है। मोदी जी की सरकार लोगों को अच्छा लगे ऐसा फैसला नहीं लेती है बल्कि लोगों के लिए अच्छे हो ऐसे फैसले लेती है, वे वोट के लिए राजनीति नहीं करते। दलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़ों के लिए अथाह प्रेम और संवेदनशीलता और उनके कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहना मोदी जी की विशेषता है। आर्थिक सुधार और टेक्नोलॉजी को भारत के अनुरूप बनाकर भारत सरकार में लाने का काम देश में सबसे पहले अगर किसी ने किया है तो श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि पहले भारत की रक्षा नीति कभी विदेश नीति की परछाई से बाहर नहीं आ पाती थी, लेकिन मोदी जी की विदेश नीति ने यह प्रस्थापित कर दिया कि हम सबके साथ दोस्ती रखना चाहते हैं मगर भारत की सुरक्षा हमारा प्राथमिक लक्ष्य है, यह स्पष्टता इतनी क्लेरिटी के साथ 7 दशक में किसी अन्य नेता ने नहीं दी। अमृत महोत्सव से शताब्दी तक के काल को अमृत काल और संकल्प सिद्धी का काल कहकर मोदी जी ने 25 साल के बाद महान भारत की रचना का लक्ष्य रखकर यह साबित कर दिया है कि वे केवल और केवल भरत की महानता के लिए सोचते हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि बिना किसी पारिवारिक बैकग्राउंड और राजनीतिक उठापटक के एक व्यक्ति जनता का मैंडेट लेकर प्रधानमंत्री बनता है, जनता बार-बार चुनाव में उनका अनुमोदन करती है तो यह स्वीकार करना पड़ेगा कि भारत की जनता ने मोदी जी को स्वीकारा किया है और जनता उन्हें मन से प्यार करती है। मोदी जी ने नई एजुकेशन पॉलिसी में भारतीय भाषाओं को एक नया आयुष और बढ़ावा देने का काम किया है, इसके लिए मैं उनको लाख-लाख साधुवाद देना चाहता हूँ। उन्होने कहा कि शास्त्री जी के बाद पहली बार देखा कि हर व्यक्ति बिना किसी सरकारी आदेश के यह कह दे कि हम 24 घंटा बाहर नहीं निकलेंगे, दिया जलाएंगे, घंटी बजाएंगे और कोरोना वरियर्स का स्वागत करेंगे। पूरा देश एक नेता के कहने पर अपने आपको घर में बंद कर ले ऐसी स्वीकृति शायद ही किसी नेता के भाग्य में हो, यह भरोसा निस्वार्थ जीवन और अनन्य राष्ट्रभक्ति की वजह से बना है। इसीलिए मोदी जी आज देश के निर्विवाद नेता हैं और पूरी दुनिया उन्हें स्वीकार करती हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि हर पार्टी के अंदर कई प्रकार के नेता होते हैं, मगर संगठन और सरकार दोनों में यशस्वी तरीके से काम करने वाले एकमात्र नेता श्री नरेंद्र मोदी हैं, जो संगठन को भी एक नई ऊंचाई तक ले गए। मोदी जी ने पार्टी को वैश्विक पहचान देने का काम किया है। 2012 से 14 के बीच में एक ऐसा कालखंड आया जब पूरे देश की श्रद्धा हमारे मल्टी पार्टी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक सिस्टम से उठ गई थी, लोग सोचने लगे थे की व्यवस्था फेल हो चुकी है, यह व्यवस्था देश को आगे नहीं ले जा सकती हैं। उस वक्त श्री नरेंद्र मोदी जी को हमारी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाया। जनता ने गुजरात के गवर्नेंस के बैकग्राउंड पर उनको देश का नेता चुना, प्रधानमंत्री बनाया और आज हमारी जनता में कोई असमंजस नहीं है कि हमारा मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम डिलीवर कर सकता है या नहीं। मोदी जी ने लोकतंत्र के प्रति सभी लोगों की आस्थाओं को गहराई तक पहुंचाने का काम किया है और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। श्री शाह ने कहा कि आज हम सब यहाँ एक राष्ट्रीय, लोकप्रिय और वैश्विक नेता के जीवन की मीमांसा करने और उनके बारे में जानने के लिए इकट्ठा हुए हैं, मगर मैं यह कह सकता हूँ कि कोई शब्द या पुस्तक इसका वर्णन नहीं कर सकती। देश के लोगों और विशेष रूप से युवाओं को मोदी जी के बारे जानना चाहिए, अगर हमें मोदी जी के रास्ते पर चलना है तो ढेर सारा परिश्रम, परिश्रम की पराकाष्ठा और स्वंय को पिघालकर काम करने की आदत डालनी होगी तभी हम इस रास्ते पर चल सकते हैं।

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Soumya Verma

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