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बाराबंकी

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्त की 41वीं पुण्यतिथि पर स्मृति सभा का किया गया आयोजन

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्त की 41वीं पुण्यतिथि पर गुरूवार को नगर के देवा रोड स्थित गांधी भवन में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चंद्रभानु गुप्त से जुड़ी स्मृतियों को याद करते हुए समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कई संस्मरण सुनाए।
उन्होनें बताया कि स्वर्गीय चंद्रभानु गुप्ता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के दिग्गज नेता भी थे। वह उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय से प्रथम बैच के उत्तीर्ण छात्र रहे। राष्ट्रीय आंदोलनों में उन्होंने अनेकों बार जेल की यात्राएं की। सीबी गुप्ता के एक जनप्रिय राजनेता थे। सामाजिक सरोकार और हितकारी कार्यों में उनका कोई सानी नहीं था।
श्री शर्मा ने कहा कि सी.बी गुप्ता ने हमेशा समाज के हितार्थ ही राजनीति की। वह परिवारवाद के सख्त विरोधी थे। उन्होंने लखनऊ को संवारने का ऐतिहासिक कार्य किया। यदि उनके दिखाए मार्ग पर प्रदेश चलता तो न जाने आज कितना आगे निकल जाता।
श्री शर्मा ने कहा कि व्यक्ति अपने कर्म से ही महान होता है पद से नहीं। चंद्रभानु गुप्त उच्च पद पर होने के बावजूद सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। स्व. चंद्रभानु गुप्त ने हमेशा मूल्यों की राजनीति की। काकोरी कांड के शहीदों का मुकदमा युवा अधिवक्ता के रूप में स्व. चंद्रभानु गुप्त ने ही लड़ा।
इस मौके पर प्रमुख रूप से समाजसेवी अशोक शुक्ला, बाबू जमीलउर्रहमान, विनय कुमार सिंह, पाटेश्वरी पस्राद, मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, पी.के सिंह, वीरेन्द्र प्रधान, मो. अदीब, साकेत मौर्या, रंजय शर्मा, सितवत अली, तरूण मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।

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