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बाराबंकी

9 अगस्त ही भारत के स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाने की मांग को लेकर गांधी जयती समारोह ट्रस्ट व उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों में चल रहे है आयोजन

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। बुधवार को गांधी जयंती समरोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने बताया कि 9 अगस्त जो जन क्रांति दिवस है उसे स्वतंत्रता दिवस से अधिक प्रभावशाली मनाने के लिये डा. राम मनोहर लोहिया ने जी.जी. पारिख के संदेश पर 2 अगस्त 1967 को उनके पत्र में कहा था कि दुनिया के प्रगतिशील देश अमेरिका और फ्रांस अपना स्वतंत्रता दिवस 4 और 14 जुलाई को इसलिये मनाते है कि उनकी क्रांति का वही दिवस है। इस सप्ताह को शुरु करने से पूर्व यह प्रयास हुआ कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डा. लोहिया के उन विचारो से अवगत कराया जाये और 9 अगस्त ही भारत के स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाने की मांग को लेकर बाराबंकी गांधी जयती समारोह ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों में इस तरह के आयोजन चल रहे हैं। जिसमें 95 वर्षीय बयोवृद्ध नेता जमुना प्रसाद बोस, 86 वर्षीय सगीर अहमद इत्यादि लोग सक्रियता से इस मांग को पूरा कराने के लिये दृढ़ संकल्प हैं। इस आन्दोलन को पूरे देश में संचालित कराने के लिये श्री धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार, अनिल त्रिपाठी और अन्य तमाम देश के समाजवादी विचारधारा के लोग वचनवद्ध है। क्योंकि डा. लोहिया ने कहा था कि अगर इस देश में कोई अच्छी और परिवर्तन सी सरकार आयी तो शायद 15 अगस्त को भूल जाये भारतीय शहीदों के सम्मान में 9 अगस्त जो जन क्रांति दिवस है उसे स्तंत्रता दिवस के रुप में मनाये। इस आन्दोलन में वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो. राजकुमार जैन और एस.एस. नेहरा सुप्रीम कोर्ट, समाजवादी विचार धारा को संचालित करने रिजवान रजा विभिन्न क्षेत्रों इस दृष्टि से कार्यरत है। आज हम जब जन्माष्टमी मना रहे है तो हमे डा. लोहिया द्वारा रचित वह वक्तव्य राम कृष्ण और शिव पर अपने विचार रखते हुए गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने देश वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय से जो इन्दिरा गांधी सांस्कृतिक कला केन्द्र के अध्यक्ष है उनकी भी सहमति इस आन्दोलन के लिये प्राप्त की गयी। यह विचार भारतीय राजनीति के और स्वतंत्रता आन्दोलन के तमाम शहीदों की याद रखने के लिये सजीव एवं उचित मांग के रुप में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट 9 से 15 अगस्त तक इस विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने के लिये कार्यरत है। 13 अगस्त को खण्डित आजादी को समाप्त करने के लिये सम्पूर्ण राष्ट्र को जोड़ने के लिये भारत पाकिस्तान और बंग्लादेश के महासंघ बनाने की मुहिम पर विचार करते हुए 14 अगस्त को भारतीय भाषाओं को उचित स्थान प्राप्त हो और अंग्रेजी हटायी जाये तथा 15 अगस्त को प्रातः काल गांधी भवन में झण्डा रोहण के बाद राजनाथ शर्मा व्यक्तिगत सत्याग्रह के रुप में झण्डा लहराने के बाद संध्या काल झण्डा उतारने के समय तक उपवास रखेंगे। यह विचार एक गोष्ठी में उन्होने व्यक्त किया। इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, विनय सिंह, हुमायूं नईम खां, पी.के. सिंह, सत्यवान वर्मा, रवि प्रताप सिंह, मनीष सिंह, अनिल यादव ने भाग लिया।

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