
रिपोर्ट:-शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज़
प्रधानमंत्री ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत अभियान देश में विनिर्माण के माध्यम से रोजगार सृजन पर आधारित है।” उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार पीएलआई योजना के तहत विनिर्माण के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में उच्च शिक्षा संस्थानों और कौशल विकास संस्थानों का तेजी से विकास किया जा रहा है। 2014 और 2022 के बीच, हर साल एक नए आईआईटी और एक नए आईआईएम की स्थापना हुई है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 9 वर्षों में प्रति सप्ताह, एक विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया गया है और औसतन हर दिन दो कॉलेजों का संचालन शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में लगभग 720 विश्वविद्यालय थे, जबकि आज यह संख्या बढ़कर 1100 से अधिक हो गई है। देश की चिकित्सा शिक्षा पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 7 दशकों में केवल 7 एम्स बनाए गए, जबकि पिछले 9 वर्षों में सरकार ने 15 नए एम्स विकसित किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 400 से बढ़कर 700 हो गई है, जिनमें एमबीबीएस और एमडी की सीटों की संख्या लगभग 80 हजार से बढ़कर 1 लाख 70 हजार से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने विकास में आईटीआई की भूमिका को भी रेखांकित किया। “पिछले 9 वर्षों में, प्रति दिन एक आईटीआई की स्थापना की गई है।“ उन्होंने बताया कि देश की आवश्यकता के अनुसार, 15 हजार आईटीआई में नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं और पीएम कौशल विकास योजना के तहत सवा करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ईपीएफओ का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ईपीएफओ नेट पेरोल के अनुसार 2018-19 के बाद 4.5 करोड़ नई औपचारिक नौकरियां सृजित की गई हैं, जो औपचारिक नौकरियों में लगातार वृद्धि का संकेत देती हैं। स्वरोजगार के अवसरों में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत के उद्योग और निवेश के प्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता है। वॉलमार्ट के सीईओ के साथश अपने हाल के मुलाकात को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश से 80 हजार करोड़ रुपये के सामान के निर्यात के सन्दर्भ में सीईओ के भारत के प्रति विश्वास के बारे में जानकारी दी। लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों में कार्यरत युवाओं के लिए यह बड़ी खबर है। उन्होंने सिस्को के सीईओ के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया, जिसका लक्ष्य भारत से 8 हजार करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात करना है। उन्होंने बताया कि एक मुलाकात के दौरान, एप्पल के सीईओ ने भारत में मोबाइल विनिर्माण उद्योग के बारे में विश्वास व्यक्त किया था, जबकि सेमीकंडक्टर कंपनी एनएक्सपी के शीर्ष कार्यकारी ने भी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने की भारत की क्षमता के प्रति सकारात्मक बात कही थी। उन्होंने कहा कि फॉक्सकॉन ने भी हजारों करोड़ रुपये के निवेश की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने अगले सप्ताह दुनिया की अग्रणी कंपनियों के सीईओ के साथ अपनी निर्धारित बैठकों की भी जानकारी दी और कहा कि वे सभी भारत में निवेश करने के प्रति उत्साह से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों के सृजन को रेखांकित करते हैं। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने देश में चल रहे विकास के महायज्ञ में नवनियुक्त कर्मियों की भूमिका को रेखांकित किया, जिसके तहत अगले 25 वर्षों में विकसित भारत के संकल्पों को साकार किया जाना है। प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों से इस अवसर का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया और आईजीओटी कर्मयोगी मॉड्यूल, जो एक ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्म है, के माध्यम से अपने कर्मचारियों के कौशल विकास पर सरकार के जोर पर प्रकाश डाला । पृष्ठभूमि रोजगार मेला, देश भर में 45 स्थानों पर आयोजित किया गया, जहाँ केंद्र सरकार के विभागों और इस पहल का समर्थन करने वाले राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भर्तियाँ की गयीं। देश भर से चयनित नवनियुक्त कर्मी; ग्रामीण डाक सेवक, डाक निरीक्षक, वाणिज्यिक-सह-टिकट लिपिक, कनिष्ठ लिपिक-सह-टाइपिस्ट, कनिष्ठ लेखा लिपिक, रेल लाइन देखभाल कर्मी, सहायक अनुभाग अधिकारी, अवर श्रेणी लिपिक, उप मंडल अधिकारी, कर सहायक, सहायक प्रवर्तन अधिकारी, निरीक्षक, नर्सिंग अधिकारी, सहायक सुरक्षा अधिकारी, फायरमैन, सहायक लेखा अधिकारी, सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी, मंडल लेखाकार, लेखा परीक्षक, कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक कमांडेंट, प्रधानाचार्य, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, सहायक प्रोफेसर जैसे विभिन्न पदों पर नियुक्त होंगे। रोजगार मेला; रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। उम्मीद है कि रोजगार मेला, रोजगार सृजन में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा और युवाओं को उनके सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा। नवनियुक्त कर्मियों को ‘कर्मयोगी प्रारंभ’, जो विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्त लोगों के लिए एक ऑनलाइन उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम है, के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर भी प्राप्त होगा।