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दिल्लीभारत

14 प्रमुख क्षेत्रों के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाना।

 

रिपोर्ट :- शिवा वर्मा (संपादक)

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के विजन को ध्यान में रखते हुये देश की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिये 14 महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिये 1.97 लाख करोड़ रूपये (26 अरब अमेरिकी डालर से अधिक) के आवंटन के साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा की गई है।

ये 14 क्षेत्र हैं — (1) मोबाइल विनिर्माण और विशिष्ट इलेक्ट्रानिक घटक, (2) जरूरी प्रमुख शुरुआती धातुएं/मध्यवर्ती और सक्रिय औषधीय सामग्री, (3) चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण, (4) आटोमोबाइल और आटो कलपुर्जे, (5) दवाइयां, (6) स्पेशियल्टी स्टील, (7) दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद, (8) इलेक्ट्रानिक/टेक्नोलॉजी उत्पादों, (9) व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी), (10) खाद्य उत्पाद, (11) कपड़ा उत्पादोंः एमएमएफ श्रेणी और तकनीकी कपड़े, (12) उच्च आवृत्ति के सौर पीवी माड्यूल, (13) एडवांस कैमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी, और (14) ड्रोन और ड्रोन कलपुर्जे।

पीएलआई योजना का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश आकर्षित करना, बेहतर क्षमता सुनिश्चित करना और विनिर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने और आकार में अर्थव्यवस्था का विस्तार तथा भारतीय कंपनियों और विनिर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।

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योजना में अगले पांच साल अथवा उसके बाद उत्पादन, रोजगार और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की उल्लेखनीय क्षमता है।

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सभी 14 क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना को संबंधित मंत्रालयों/विभागों ने जरूरी मंजूरी के बाद अधिसूचित किया है। ये योजनाएं संबंधित मंत्रालयों/विभागों में क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

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पीएलआई योजना का देश के एमएसएमई परिवेश पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। प्रत्येक क्षेत्र में बनने वाली एंकर इकाइयों से समूची मूल्य श्रृंखला में एक नये आपूर्तिकर्ता/वेंडर आधार स्थापित होने की संभावना है। विभिन्न पीएलआई योजनाओं के तहत चयन किये गये 733 आवेदनों में से, 176 एमएसएमई थोक दवा, चिकित्सा उपकरणों, औषधि, दूरसंचार, एसी, एलईडी जैसे व्हाइट गुड्स, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और ड्रोन जैसे क्षेत्रों के पीएलआई लाभार्थी हैं।

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पीएलआई योजनाओं में पहचान किये गये सभी मंजूरी प्राप्त क्षेत्र, प्रमुख प्रौद्योगिकियों पर गौर करने में व्यापक मानदंड अपनाते हैं जिससे कि भारत रोजगार, निर्यात और अर्थव्यवस्था के लिये समग्र आर्थिक लाभ में तेजी के साथ कई गुणा वृद्धि कर सके। इन क्षेत्रों को नीति आयोग की जरूरी जांच-परख और संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद मंजूरी दी गई है। अब तक केन्द्रीय केबिनेट ने पीएलआई योजना के तहत किसी नये क्षेत्र को जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है।

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यह जानकारी केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सोम प्रकाश ने आज लोकसभा को एक लिखित उत्तर में उपलब्ध कराई है।

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