शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी से भी लोगों ने भेेट की उन्होंने बीएसए को आदेशित किया और उनका भी कहना टाल दिया गया।
रिपोर्ट:- शिवा वर्मा।
बाराबंकी, जन्म से दोनों आँखो से अच्छे, राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा से जो कि स्वर्गीय रामलली प्रधानाध्यापिका के बड़े पुत्र होने के नाते शासनादेश अनुसार 80 प्रतिशत से ऊपर दिव्यांग होने पर पेंशन के राजेन्द्र प्रसाद पेंशन के हकदार आपनी माता पिता की पेंशन में है जबकि 100 प्रतिशत दिव्यांग है और कोर्ट मे संरक्षक की मांग को लेकर जब मामला गया तो कोर्ट ने इस यचिका को खारिज कर आदेश में, लिखा कि अन्धा या शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति के लिए विधि में संरक्षक का होना कहीं वर्णित नहीं है। इधर बेसिक शिक्षा विभाग बाराबंकी में पेंशन का कार्य देख रहे बाबू शशिकांत मिश्रा जिन्होंने फाइल को तैयार किया और बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा लेखा विभाग बेसिक से आख्या लगाकर पेशन आगणन प्रपत्र भेजा गया जिस लेखा विभाग ने पेंशन आगणन पपत्र पर पेंशन निर्धारित कर वेसिक शिक्षा विभाग भेज दिया गया. लेकिन छः माह से ऊपर हो रहे हैं फाइल वेसिक शिक्षा विभाग बाराबंकी मे कुछ समाज सेवियो के द्वारा बाबू से उन्होंने बात की तब बताया गया कि यह कहा कि इनकी पेशन सत्तारी के लोग खायेंगे इसी तरह तरह की बात बताकर पेंशन को रोका जा है कई बार अखबारों में भी प्रकाशित हो चुका है। शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी से भी लोगों ने भेेट की उन्होंने बीएसए को आदेशित किया और उनका भी कहना टाल दिया गया। जब यह मामला भाजपा नेता व राष्ट्रीय जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव को पता चला तो उन्होंने कई अधिवक्ता व समाजसेवी के साथ बुजुर्ग सूरदास राजेन्द्र प्रसाद को जिलाधिकारी बाराबंकी आदर्श सिंह जी के समक्ष प्रस्तुत कराया जिला अधिकारी ने संज्ञान में लेकर तत्काल कार्यवाही के निर्देश किये देखना है कि जिस बेसिक शिक्षा अधिकारी पर कोर्ट के आदेश का असर नहीं हुआ शिक्षा मंत्री के आदेश का असर नही हुआ जिलाधिकारी की बात को वो किस कदर सम्मान देता है। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में ज्ञापन देने पहुँचे सतीश वर्मा, शरद श्रीवास्तव, नरेन्द्र पाण्डेय, वाईके गुप्ता, सहित कई अधिवक्तागण उपास्थित रहे।