सभी गरीब को छत मुहैया कराने के लिए दृढ़ संकल्प दिखाई दे रही है लेकिन विभागीय कर्मचारी की लापरवाही की वजह से इसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा
बाराबंकी।सरकार भले ही 2022 तक सभी गरीब को छत मुहैया कराने के लिए दृढ़ संकल्प दिखाई दे रही है
लेकिन विभागीय कर्मचारी की लापरवाही की वजह से इसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है ऐसा ही एक मामला ग्रामसभा मरौचा के संग्राम पुरवा का है जहां पर भूमिहीन अकेली विधवा औरत विगत 15 वर्षों से रोड किनारे टूटी फूटी झोपड़ी में गुजर बसर कर रही है वास्तविक रुप से देखा जाए तो बैठने के लिए खटिया भी मजबूत नहीं है छप्पर की बात तो दूर रही। बेसहारा औरत अपनी भूख मिटाने के लिए दूसरों के घर घर जाकर मांग कर या किसी प्रकार का कार्य करके शाम तक खाने का प्रबंध करती है इसे सरकार के द्वारा अभी तक कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है जैसे राशन कार्ड विधवा पेंशन आवास योजना आदि शायद कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इसकी फरियाद सुनने को तैयार नहीं हुआ है उसी खामियाजा के कारण लाचार नारी को दर-दर भटकने पर मजबूर कर रही हैं