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बाराबंकी

संपूर्ण क्रांति दिवस की वर्षगांठ पर गाँधी जयंती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में स्मृति दिवस का किया गया आयोजन

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। संपूर्ण क्रांति दिवस की वर्षगांठ पर नगर के गाँधी भवन में गाँधी जयंती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान गोरखा शहीद सेवा समिति के संरक्षक रिजवान रजा ने संपूर्ण क्रांति के सत्याग्रही एवं गोरखा शहीद सेवा समिति के मार्गदर्शक राजनाथ शर्मा को अंगवस्त्र और शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा पर आधारित पुस्तक भेंट की।इस मौके पर गाँधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने बताया कि 5 जून 1974 को जेपी ने पटना के गाँधी मैदान पर देश की जनता का आह्वाहन करते हुए कहा था कि डॉ लोहिया की सप्तक्रांतियाँ ही संपूर्ण क्रांति है। आज वह ऐतिहासिक दिन जब हमें संपूर्ण क्रांति के मायने को समझना होगा। संपूर्ण क्रांति व्यवस्था परिवर्तन का पर्याय है। जिस परिवर्तन का संकल्प 46 वर्ष पहले क्रांति दूत जयप्रकाश नारायण ने लिया था। श्री शर्मा ने कहा कि सम्पूर्ण क्रान्ति की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब सरकारें और उनके प्रतिनिधि गरीबों, मजलूमों और जरूरतमंदों के बीच जाकर उनके हक हुकूक की बात करे। आज एक नयी सम्पूर्ण क्रांति की जरूरत है। यह क्रांति व्यक्ति सुधार से प्रारंभ होकर व्यवस्था सुधार पर केन्द्रित हो। समाजवादी चिंतक रिजवान रजा ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का उद्देश्य सिर्फ इंदिरा गांधी की सरकार को हटाना और जनता पार्टी की सरकार को लाना नहीं था, उनका उद्देश्य राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाना था। इस अवसर पर गाँधी भवन में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सीएम मिश्रा ने विश्व पर्यावरण दिवस पर फलाहार पौध का रोपण किया। वहीं समाजसेवी अंकुर माथुर ने राजनाथ शर्मा को गमला सहित पौध भेंट किया।
इस अवसर पर समाजसेवी वासिक रफीक वारसी, सरदार राजा सिंह, पाटेश्वरी प्रसाद, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, रणंजय शर्मा सहित कई लोग मौजूद रहे।

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