google.com, pub-9350857596296458, DIRECT, f08c47fec0942fa0
Advertisement
बाराबंकी

विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का माननीय सांसद उपेन्द्र रावत ने किया शुभारम्भ।

रिपोर्ट:-शिवा वर्मा (सम्पादक)

बाराबंकी। विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारम्भ माननीय सांसद उपेन्द्र रावत संसदीय क्षेत्र बाराबंकी द्वारा के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम से एक विशाल जन-जागरूकता रैली का फीता काटकर एवं हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली जनपद के विभिन्न मार्गो से होते हुए नगर महापालिका बाराबंकी के प्रांगण में एक गोष्ठी के रूप में समाप्त हुई।
जन समुदाय में संचारी रोग तथा दिमागी बुखार की रोकथाम व सही उपचार हेतु के प्रति जागरूकता लाने के लिए जनपद में 03 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान चलाया जा रहा है, इस अवसर पर डा0 अवधेश कुमार यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी ने बताया कि आबादी के निकट सुअर -बाडा, गंदा पानी व मच्छर संचारी रोग के मुख्य वाहक होते है, इसके लिए जनपद के 11 विभागों को शामिल कर संचारी रोग पर नियंत्रण के प्रभावी उपाय के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से शुद्ध पेयजल का उपयोग, मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, हाथों की स्वच्छता के लिए सुझाव दिया।IMG 20231003 WA0568
डा0 डी0के0 श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वेक्टर बार्न, ने बताया कि अभियान के दौरान दिमागी बुखार, डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार एवं चिकनगुनिया, टी0बी0 आदि संचारी रोगो से बचाव के लिए लोगो को जागरूक किया जाएगा, साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्षय रोगियों व कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन भी करेगें। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान नगर-नगर विकास विभाग द्वारा साफ-सफाई और दवाओं का छिड़काव किया जायेगा। पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई तथा झाडियों की कटाई की जाएगी, साथ ही उथले हैण्ड पम्पों की मरम्मत कर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किया जायेगा। पशु विभाग सुकरपालकों को आबादी से दूर सुअर बाडा बनाने के लिए संवेदीकरण करेगा। उद्यान विभाग द्वारा मच्छर रोधी पौधे लगाये जायेगे तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र संदर्भित करेगा। जापानीज इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार मच्छरों के काटने से होती है। समय से इलाज न होने पर मृत्यु अथवा जीवन भर के लिए विकलांगता हो सकती है, इसकी शुरुआत धान के खेतो से होती है, धान के खेतो में भरे पानी मे कीड़े, मकोड़े उत्पन्न हो जाते है जिससे बगुला व जल पक्षी खाने पहुंचता है जिससे मच्छर काट लेते ह ैजल पक्षी में ही जापानीज इन्सेफ्लाइटिस के वायरस पाये जाते है जो मच्छरो में प्रवेश कर जाते है इसके बाद यदि कोई व्यक्ति धान के खेत में या आस-पास के खुले में शौच करने या किसी अन्य काम से पहुंचता है तो उसे यह मच्छर काट लेता है यही से जापानीज इन्सेफेलाइटिस मानव के शरीर में पहुंच जाता है, वही जब मच्छर सुअर को काट लेता है तो वायरस सूअर के शरीर में तेजी से फैलते है इसलिए सुअर को आबादी सें दूर रखने की बात की जाती है।
इस अवसर पर समस्त अपर/उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि जिला मलेरिया अधिकारी, मलेरिया इन्सपेक्टर एवं पाथ संस्था के जिला समन्वयक तथा यूनिसेफ के जिला प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

advertisement

Related Articles

Back to top button