वकीलों ने भी कांग्रेस छोड़ने का लिया निर्णय, कहा कार्यकर्ताओं के लिए हितकारी नहीं रही कांग्रेस
वकीलों की हुई बैठक, जिसमें शिवशंकर शुक्ला को टिकट देने की मांग की गई।
रिपोर्ट :- शिवा वर्मा।
बाराबंकी। दरियाबाद विधान सभा क्षेत्र से प्रत्याशी न बदले जाने के मामले को लेकर आज जिला मुख्यालय पर वकीलों ने बैठक की। बैठक में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर दूसरे दलों से आये हुए दलबदलुओं को टिकट देने का मुद्दे पर वकील आक्रोशित दिखे। सभी ने एक स्वर में कहा कि अब पार्टी का अंत समय आ गया है। इसीलिए वह अपने कार्यकर्ताओं की भी नहीं सुन रही है।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला बार एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष, दरियाबाद विधान सभा क्षेत्र युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री राकेश तिवारी ने कहा कि क्या कांग्रेस का पुराना और निष्ठावान कार्यकर्ता बाहर से आए दलबदलू नेताओं की जय ही बोलता रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें लड़ने का अवसर कब मिलेगा? उसे मैदान में कब उतारा जाएगा? पार्टी हाईकमान की यह नीति पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के लिए नागवार गुजर रही है। एक सैकड़ा से अधिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर कब तक हम दूसरों की जय बोलते रहेंगे और उन्हें आसन पर बिठाते रहेंगे। अब समय निर्णय का है यदि पार्टी हाईकमान निर्णय नहीं ले पा रही है तो कोई बात नहीं अब हम निर्णय लेंगे और पार्टी छोड़ने के साथ-साथ दलबदलू नेताओं को हराने का कार्य करेंगे। किसी भी कीमत पर उन्हें जीतने नहीं देंगे। बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पाण्डेय ने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ता शिवशंकर शुक्ला को दरियाबाद से टिकट न देकर एक दलबदलू को टिकट देकर पार्टी हाईकमान ने बड़ा गलत कार्य किया है। इसका हम सभी विरोध करते हैं। हम लोग सिर्फ पार्टी ही नहीं छोड़ेंगे बल्कि पार्टी के दलबदलू नेताओं को हर जगह से हरायेंगे। जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री एवं अधिवक्ता ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि कांग्रेस की यही नीति कांग्रेस को खा गई। इसी नीति के चलते पूरे देश में सत्ता चलाने वाली कांग्रेस आज हाशिए पर सिमटकर रह गई है। बैठक में जितेन्द्र श्रीवास्तव एडवोकेट, शेषमणि तिवारी, रामशंकर रावत, संतोष कुमार, महेंद्र कुमार, नरेंद्र कुमार, अश्वनी, मनोज, सुरेंद्र, त्रिवेणी, आनन्द कुमार, वीरेंद्र कुमार, कमलेश, कामेश, अखिलेश, देवेंद्र, संजीव सहित करीब एक सैकड़ा वकील व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। एक प्रस्ताव पास कर श्रीमती प्रियंका गांधी से अनुरोध किया गया कि प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश के प्रभारी व अन्य अपने स्टॉफ को निर्देश दें कि कार्यकर्ताओं के फोन उठायें उन्हें समुचित सम्मान के साथ उनकी समस्याओं का निस्तारण करें। अन्यथा कांग्रेस का कोई नामलेवा नहीं रहेगा। अभी लोग आपमें इंदिरा गांधी की छवि को देख रहे हैं।