Advertisement
बाराबंकी

लाॅकडाउन के दौरान अन्य प्रदेशों में काम करने वाले उ0प्र0 के श्रमिक/कामगारों को अपने प्रदेश में सर्वाधिक वापस लाने वाले उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी देश में अग्रणी मुख्यमंत्री हो गये

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे प्रदेश में लगे लाॅकडाउन के दौरान अन्य प्रदेशों में काम करने वाले उ0प्र0 के श्रमिक/कामगारों को अपने प्रदेश में सर्वाधिक वापस लाने वाले उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी देश में अग्रणी मुख्यमंत्री हो गये है। मुख्यमंत्री जी ने श्रमिकों की भावनाओं और मातृभूमि का लगाव देखते हुए अन्य प्रदेशों में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को ट्रेनों, बसों से वापस बुलाकर उन्हंे सभी सुविधायें मुहैया कराते हुए सुरक्षित घर तक पहंुचाया है। प्रदेश सरकार के इस कार्य की देश भर में प्रशंसा हो रही है। मुख्यमंत्री जी द्वारा कोरोना वायरस को रोकने के लिए सुदृढ,़ व्यापक और कारगर व्यवस्था की गई है। दूसरे प्रान्तों से वापस आये श्रमिकों कामगारों को जिस सौहार्द और सुव्यवस्थित तरीके से टेªनों, बसों से लाया गया, उनके खान-पान की व्यवस्था की गई, उनके स्वास्थ्य परीक्षण व स्वास्थ्य सेवा देते हुए, बसों/टेªनों द्वारा उन्हें घर तक पहुंचाया गया उसकी देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक में प्रशंसा की जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने नगरों से लेकर गाँवों मुहल्लों तक के श्रमिको दैनिक कामगारों, गरीबों को खाद्यान्न सहित सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाये प्रदान की है। लाखों श्रमिक/कामगार अपने घरों में सकुशल पहुँचकर अपने परिवार के साथ प्रसन्न है, और प्रदेश सरकार द्वारा की व्यवस्था, सहायता से खुश है।
पूरे देश से सब से अधिक कामगार उत्तर प्रदेश में आये है। 19 जून 2020 तक 1653 टेªनों से लगभग 23 लाख श्रमिक एवं बसंे भेजकर व अन्य साधनों से कुल 35 लाख से अधिक श्रमिकों कामगारों को प्रदेश में लाया गया। आज उत्तर प्रदेश में अच्छी खासी संख्या में कुशल ,अकुशल श्रमिक, तकनीशियन, कारीगर, प्रबन्धकीय, व आवश्यक कार्यो के लिए मानव सम्पदा मौजूद है। श्रमिक/कामगारों को रोजगार मुहैया कराने, सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार कार्य योजना तैयार कर रही है। कामगारों/श्रमिकों को रोजगार देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने उनकी स्किल मैपिंक भी कराई है। प्रदेश सरकार श्रमिकों को रोजगार देने के लिए कदम दर कदम कार्यवाही कर रही है। सरकार श्रमिकों के साथ-साथ उन के परिवार की महिलाओं को भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण देकर अगरबत्ती, धूपबत्ती, मुरब्बा, अचार, सिलाई पापड व अन्य आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिए स्वावलम्बी बनाने का कार्य कर रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का मानना है कि मानव संसाधन किसी भी उद्योग, कल कारखानों के संचालन निर्माण कार्यो सहित समस्त उत्पादित वस्तुओं के लिए रीढ़ का काम करते है। यही श्रमशक्ति, अब हमारे प्रदेश में उपलब्ध है। श्रमिकों, कारीगरों ने अपने श्रम, मेहनत, और पसीने से समाज और राष्ट्र का निर्माण किया है। प्रदेश में आये इन्हीं कामगारों, श्रमिकों के श्रम से अब उत्तर प्रदेश का नवनिर्माण किया जायेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को एक एप विकसित करने के निर्देश दिये हैं। जिससे एप के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों एवं सेवा प्रदाता संगठनों के श्रमशक्ति की आपूर्ति होती रहे, और कामगारों को रोजगार मिलता रहे। प्रदेश सरकार केन्द्र व राज्य की विकास, निर्माण परियोजनाओं को तेजी से संचालित करा रही है। जिसमें श्रमिकों कामगारों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया होता रहे। सरकार कामगारों के सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा पर भी ध्यान दे रही है, इसके लिए श्रमिकों/कामगारों के बीमा कवर देने पर बल दिया है। प्रदेश सरकार रोजगार के आकलन के लिए औद्योगिक इकाईयों का सर्वे भी करा रही है, जिससे इकाइयों को उनकी आवश्यकतानुसार श्रमशक्ति उपलब्ध कराया जा सके।
देश के अन्य प्रदेशों से आये श्रमिकों को उन्हें गांव मंे ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। मनरेगा के अन्तर्गत उन्हें पंजीकृृत करते हुए रोजगार से लगाया जा रहा है। लाॅकडाउन के दौरान कार्य न मिलने से ग्रामीण दैनिक श्रमिक भी आर्थिक समस्या में आ गये थे। किन्तु मुख्यमंत्री जी ने मजदूरों के हित में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, मास्क/कपड़ा मुँह पर बांधकर कार्य करने के लिए मजदूरों को छूट दे दी और मनरेगा का कार्य शुरू करा दिया। मुख्यमंत्री जी के इस रोजगार परक नीति के कारण गाँवों में जहां श्रमिकों को रोजगार मिलने लगा वही गाँवों की परिसम्पत्तियां भी निर्मित होने लगी। उत्तर प्रदेश देश में श्रमिकों को सर्वाधिक रोजगार देने वाला प्रदेश बन गया है। मनरेगा के तहत अब तक 57,12,975 श्रमिकों को रोजगार देते हुए 7.93 करोड़ मानव दिवसों का सृजन किया गया है। श्रमिकों को 1633.39 करोड़ रूपये मजदूरी का भुगतान भी किया गया है। प्रदेश की 58906 ग्राम पंचायतों में से 56981 ग्राम पंचायतें में 57,12,975 अकुशल श्रमिक कार्य कर रहे है। जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है। प्रदेश सरकार का प्रतिदिन एक करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है।
प्रदेश के श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न पुलों, सड़कों हाईवे आदि निर्माण की 3083 परियोजनाये प्रारम्भ करा दी गई है, जिनमे 42 हजार से अधिक मजदूर कार्यरत है। उसी तरह सरकार के अन्य विभाग सी0एण्ड0 डी0 एस0 के 354 प्रोजेक्ट, अमृत योजना के 128 प्रोजेक्ट, हाउसिंग बोर्ड/प्राधिकरणों/मेट्रो के 444 प्रोजेक्ट में कार्य आरम्भ हो गये है। इन समस्त परियोजनाओं में लगभग 21 हजार श्रमिक कार्यरत है, जिन्हें रोजगार मिला हुआ है और अपने परिवार का पालन कर रहे है। प्रदेश में बन रहे एक्सप्रेस हाईवे के कार्यो को समय के अन्दर पूरा करने के लिए विभिन्न राज्यों से वापस आये श्रमिकों/कामगारों को लगाते हुए कार्य में तेजी लाई गयी है। सभी एक्सप्रेस वे में 10 हजार से अधिक श्रमिक कार्य कर रहे है, जिन्हें मजदूरी भी समय से दी जा रही है। प्रदेश सरकार निर्माण कार्यो से जुडे 18.11 लाख श्रमिकों को, नगरीय क्षेत्र के 8.90 लाख श्रमिकों को तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 6.74 लाख निराश्रित व्यक्तियों को 1000-1000 रूपये की दर से कुल 33.74 लाख लोगों को 337.39 करोड़ रूपये का भुगतान किया है। प्रदेश सरकार की ओर से सभी जरूरतमंद लोग एक-एक हजार रूपये पाकर प्रसन्न है। प्रदेश में 90 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा चुका है।
देश के अन्य प्रान्तों से आये श्रमिकों/कारीगरों, विभिन्न कार्यो के विशेषज्ञ तकनीशियन की प्रतिभा का उपयोग करते हुए प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास मंे सहभागी बना रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने, कैबिनेट की मंजूरी से श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कामगार/श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग का भी गठन किया है।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Sorry !!