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बाराबंकी

मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में विश्व आत्महत्या बचाव दिवस मनाया गया

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी।विश्वभर में 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या बचाव दिवस के रूप में मनाया जाता है इसी उपलक्ष्य में कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी, बाराबंकी में भी विश्व आत्महत्या बचाव दिवस मनाया गया, जिसमें लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया गया कि आत्महत्या जैसे व्यवहार को करने से रोका जा सकता हैं कार्यक्रम में इस वर्ष की थीम वर्किंग टूगेदर टू प्रीपेंट सुसाइड’ के ऊपर फोकस करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि आत्महत्या जैसे व्यवहार को रोकने में किसी व्यक्ति विशेष, संस्था या प्रोफेशन की ही सिर्फ जिम्मेदारी नहीं है अपितु हर एक व्यक्ति अपनी बराबर जिम्मेदारी समझे तो आत्महत्या जैसा व्यवहार जो कि एक तरह कि साइकेट्रिक इमरजेंसी है। उसकी काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर हम आकड़ो की बात करें तो विश्व भर में प्रत्येक वर्ष लगभग 8 लाख लोग आत्महत्या करते है। जिसमें से लगभग 1 लाख 35 हजार लोग सिर्फ भारत वर्ष से होते है। इस प्रकार प्रत्येक 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या द्वारा अपनी जान देता है। अगर हम छात्रों की बात करें तो प्रत्येक दिन लगभग 28 छात्र आत्महत्या द्वारा अपनी जान गवा देता है। अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो वर्ष 2019 में लगभग 5464 लोगों ने आत्महत्या की।
आत्महत्या एक व्यक्तिगत व्यवहार है लेकिन यह व्यवहार बहुत सारे व्यक्तिगत पारिवारिक एवं सामाजिक कारकों द्वारा प्रभावित होता है। हमें इस बात का ध्यान देना है कि आत्महत्या जैसे व्यवहार को न सिर्फ रोकने में अपितु उसको उकसाने में भी कहीं न कहीं हमारी भूमिका होती हैं आत्महत्या करने वाले व्यक्ति द्वारा दिखाये गये चेतावनी संकेतों को जिसमें की व्यक्ति द्वारा आत्महत्या के बारे में धमकी/बात करना, अक्रामक व्यवहार दिखाना निराशापूर्ण बाते करना नसीले पदार्थो का सेवन करना, मनोदशा में बदलाव होते रहना, सामाजिक मेल-जोल में कमी होना, भूख तथा नींद का बाधित होना आदि संकेतो को समय से पहचान कर यदि उसमें हस्तक्षेप करके एवं व्यक्ति को पारिवारिक एवं व्यवसायिक सहायता पहुचाकर उसके आत्महत्या जैसे व्यवहार को रोका जा सकता है। ठीक उसी प्रकार के प्रति किया गया हमारा नकारात्मक व्यवहार जो कि व्यक्तिगत टिप्पणी के रूप में हो सकता है, पर्व धारणा से ग्रसित हो सकता है। ऐसे सभी व्यवहार को आत्महत्या के लिए उकसा सकते है। अगर हमें आत्महत्या जैसे व्यवहार को रोकना है तो हमें व्यक्ति को न सिर्फ उसकी असफलताओं के साथ स्वीकार करना होगा बल्कि वह जिस रूप में है उस रूप में पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करना होगा।
अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या के चेतावनी संकेतो को दिखाता हो तो-घर में नुकसान दायक चीजों जैसे कि बन्दूक, दवाईयां, फिनायल को छुपाकर रखें।आत्महत्या के बारे में व्यक्ति से सीधे बात करें। तुरन्त मेडिकल सहायता लें। घर का माहौल शान्तिपूर्ण एवं सपोर्टिव रखें।
व्यक्ति के प्रति प्यार, लगाव एवं परवाह जैसा व्यवहार दिखाना।
व्यक्ति से सम्बन्धित मन पसन्द कार्यो/बातों को करें।

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