भारत के फार्मा निर्यात में पिछले 9 वर्षों में 125% से अधिक की वृद्धि
पीएलआई योजनाओं के तहत 21,861 करोड़ रुपये का निवेश।
रिपोर्ट :- शिवा वर्मा/ यूपी ब्रेकिंग न्यूज़
Jaipur
भारत ने ड्रग एवं फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्यात में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए पिछले नौ वर्षों में 125 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है, जो 2013-14 के 90,415 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 2,04,110 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। भारत के कुल निर्यात में ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स का योगदान 5.71 प्रतिशत है।
भारत जिस मात्रा में ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स का उत्पादन करता है उसके आधार पर दुनिया में इसका तीसरा स्थान पर है, जो लगभग 200 देश एवं प्रदेशों को इसका निर्यात करता है, जिनमें 5 शीर्ष देश संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील हैं।
वैश्विक वैक्सीन उत्पादन में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश है। भारत दुनिया में कम लागत वाले टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है और वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा प्रदाता है एवं वैश्विक आपूर्ति में इसकी 20% हिस्सेदारी है। इसके अलावा, भारत ने वैक्सीन मैत्री पहल के तहत दुनिया भर के लगभग 100 देशों को 298 मिलियन से अधिक COVID-19 टीकों की आपूर्ति की है (19 मई, 2023 तक)।
भारत सरकार ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए तीन उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की हैं जिनमें बल्क ड्रग्स (2020), चिकित्सा उपकरण (2020) और फार्मास्यूटिकल्स (2021) शामिल हैं।
निम्न तालिका पीएलआई योजनाओं (मार्च 2023 तक) के तहत प्राप्त निवेश को दर्शाती है:-