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भारतसंस्कृति मंत्रालय

भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक आयोजन (बाईएननेल) – 2023

रिपोर्ट:-शमीम 

भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक आयोजन (इंडिया आर्ट, आर्किटेक्चर एंड डिज़ाइन बाईएननेल), 2023 का आयोजन 9 से 15 दिसंबर, 2023 तक किया जा रहा है और इसका उद्घाटन 8 दिसंबर, 2023 को लाल किला, दिल्ली में हुआ। जनता के लिए यह 31.3.2024 तक खुला रहेगा।

यह द्विवार्षिक आयोजन (बाईएननेल) सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करने और उन्हें सम्भावनाएं एवं अवसर प्रदान करने के लिए कलाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनरों, फोटोग्राफरों, संग्राहकों, पारखियों, संग्रहालय अध्यक्षों (क्यूरेटर्स), कला पेशेवरों, दीर्घा चलाने वालों (गैलरिस्ट्स), शैक्षणिक संस्थानों, शोधकर्ताओं, छात्रों और युवाओं के बीच समग्र बातचीत शुरू करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस आयोजन में निम्नलिखित विषयवस्तुओं (थीम) वाले 7 मंडप हैं:

दिन 1: प्रवेश (भारत के दरवाजे), मार्ग का अनुष्ठान।

दिन 2: बाग-ए-बहार (भारत के उद्यान), ब्रह्मांड के रूप में उद्यान।

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दिन 3: सम्प्रवाह (भारत की बावलियां), समुदायों का संगम।

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दिन 4: स्थापत्य (भारत के मंदिर), अटूट नियम (एंटीफ्रैगाइल एलोग्रिदम) ।

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दिन 5: विस्मय (स्वतंत्र भारत के स्थापत्य चमत्कार), सृजनात्मक विकास की प्रक्रिया (क्रिएटिव क्रॉसओवर)।

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दिन 6: देशज (स्वदेशी डिज़ाइन), भारत x डिज़ाइन।

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दिन 7: समत्व (वास्तुकला और डिजाइन में महिलाएं), निर्माण को आकार देना।

भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक आयोजन (इंडिया आर्ट, आर्किटेक्चर एंड डिज़ाइन बाईएननेल), 2023 का आयोजन एक वैश्विक सांस्कृतिक पहल और संस्कृति मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम होने के आशय से किया जा रहा है।

लक्ष्य : सांस्कृतिक स्थान और रचनात्मक उद्योगों को सशक्त बनाना तथा  वैश्विक सांस्कृतिक कूटनीति और सम्पर्क के लिए कला का लाभ उठाना।

उद्देश्य:

पारंपरिक, जमीनी स्तर के कारीगरों के साथ-साथ समकालीन डिजाइनरों, संग्रहालय अध्यक्षों (क्यूरेटर्स) तथा  उम्र, लिंग और शैली से परे हटकर विचार करने वाले नेताओं को प्रस्तुत करना ।

हमारे देश द्वारा प्राचीन, आधुनिक, समसामयिक और तकनीकी संचालित कला, वास्तुकला और डिजाइन के क्षेत्र में प्रस्तुत की गई सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों का उल्लास मनाना।

उक्त कार्यक्रम के आयोजन पर होने वाला व्यय संस्कृति मंत्रालय के स्वीकृत बजट में से किया जाएगा।

और हां, सरकार ने अनुलग्नक के अनुसार देश भर से कलाकारों और क्यूरेटर्स को आमंत्रित किया है।

अनुलग्नक

 

लोक सभा अतारांकित प्रश्न संख्या के भाग (ई) में उल्लिखित परिशिष्ट- 1378 “डिज़ाइन द्विवार्षिक आयोजन (डिज़ाइन बाईएननेल), 2023” के संबंध में 11.12.2023 को उत्तर दिया जाना है।

देश भर से कलाकारों और संग्रहालय अध्यक्षों (क्यूरेटर्स) को द्विवार्षिक आयोजन  के विभिन्न तत्वों जैसे विषयवस्तु (थीम) वाले मंडप,  अपने काम के प्रदर्शन का अवसर – मुक्त (ओपन) कॉल प्रदर्शनियां, कला कार्यशालाओं, कला बाजार, छात्र द्विवार्षिक आयोजन के साथ-साथ आत्मनिर्भर डिजाइन केंद्र (आत्मनिर्भर सेंटर फॉर डिज़ाइन -एबीसीडी) में सम्मिलित कारीगरों के एक हिस्से के रूप में इंडिया भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक आयोजन (आर्ट, आर्किटेक्चर एंड डिज़ाइन बाईएननेल -आईएएडीबी) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

विषयवस्तु (थीम) वाले मंडप

प्रत्येक विषयवस्तु (थीम) वाले मंडप में दृश्य (विजुअल) कलाकारों, भित्ति (म्यूरल) कलाकारों,  स्थापना (इंस्टॉलेशन) कलाकारों,  रैखिक (ग्राफिक) डिजाइनरों और मॉडल निर्माताओं के संदर्भ में देश भर से प्रतिनिधित्व होता है। इसके अतिरिक्त, सात सहयोगी प्रकाशनों के लिए संग्रहालय अध्यक्ष (क्यूरेटर) और अनुसंधान टीमों को  देश के विभिन्न हिस्सों से शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों से बुलाया गया है ।

अपने काम के प्रदर्शन का अवसर – मुक्त (ओपन) कॉल प्रदर्शनी

प्राप्त 560 प्रश्नों में से, देश के सभी हिस्सों से 150 कलाकारों को पूरी तरह से एकत्रित एवं नियंत्रित भीड़-वाले स्थानों पर सार्वजनिक प्रदर्शनी में अपने काम को प्रदर्शित करने का अवसर  दिया गया है।

 

छात्र द्विवार्षिक आयोजन (स्टूडेंट बाईएननेल)

ललित कला अकादमी में आयोजित होने वाले छात्र द्विवार्षिक आयोजन (स्टूडेंट बाईएननेल) में 600 से अधिक वास्तुकला (आर्किटेक्चर) स्कूल और 5000 से अधिक अकादमिक डिजाइन वाले 500 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के छात्र भाग ले रहे हैं।

कला कार्यशालाएँ और कला बाज़ार

इसके अतिरिक्त, 15+  कला कार्यशालाओं के साथ-साथ कला बाज़ार में कलाकृतियाँ (आर्टवेयर) का विक्रय करने वाले 25+ विक्रेताओं के माध्यम से, अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व शामिल है।

आत्मनिर्भर डिजाइन केंद्र (एबीसीडी)

20 राज्यों के कारीगरों/शिल्पकारों को आत्मनिर्भर डिज़ाइन केंद्र (एबीसीडी) में प्रतिनिधित्व मिला है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी.किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में दी है।

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