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बाराबंकी
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बेखौफ वन माफिया चला रहे प्रतिबंधित पेड़ों पर आरा जिम्मेदार मौन।

रिपोर्ट:- मो0 शमीम /हिम्मत बहादुर

जनपद बाराबंकी में वन विभाग से मिलीभगत कर वन माफिया लगातार प्रतिबंधित पेड़ों की कटान कर रहे हैं, जिससे जिले की लगातार हरियाली कम होती जा रही है और पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है।

वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इन वन माफियाओं से मिलकर प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों की कटान पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सिकायत होने पर वनविभाग जुर्माने का आड़ लेकर मामला रफा दफा कर देते हैं। जबकि इससे पहले भी कई जगहों अवैध प्रतिबंधित पेड़ो का कटान वनमाफ़ियाओ द्वारा किया गया और जुर्माने आड़ भी लिया गया लेकिन अगर ठेकेदारों की माने तो आज तक उस जुर्माने की रशीद तक नही दिया गया जब जुर्माने की रशीद ही नही दी जाती है तो आखिर इससे साबित क्या होता है ये बड़ा सवाल है ? तो यही माना जाए कि जुर्माने का आड़ ले लो जिससे वन माफियाओं पर कोई सवालिया निशान न खड़ा हो और यह धड़ल्ले से प्रतिबंधित पेड़ काटते रहें।

भगहर झील में धड़ल्ले से पेड़ों की कटान जारी

 

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प्रदेश सरकार भले ही हर घर हरियाली जैसी योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर क्षेत्र को हरा-भरा करने का प्रयास कर रही हो, लेकिन बाराबंकी में वन विभाग के बेलगाम कर्मचारी व अधिकारियों के चलते ये योजनाएं सफल होना तो दूर यहां वर्षों पहले लगे हुए हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़-पौधे भी वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं, जिससे बाराबंकी जिले में हरियाली की बात करना बेमानी साबित हो रहा है।

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फतेहपुर वन रेंज भगहर झील में हो रहा आये दिन अवैध पेड़ों का कटान

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ताजा मामला बाराबंकी जिले के फतेहपुर वन रेंज भगहर झील अंतर्गत कालीदीन पुरवा पोस्ट लालपुर करौता गांव का है।
यहां वन माफियाओं ने प्रति बंधित गूलर के पेड़ पर चलाया आरा जिम्मेदार सिर्फ देखते ही रहे। दरअसल, यहां जिन्हें वन की रखवाली का जिम्मा सौंपा गया है, वही हरियाली के दुश्मन बन गए हैं। आरोप है कि पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है। जिससे जिले में प्रतिदिन प्रतिबंधित पेड़ों की कटान की जा रही है। वन माफिया खुलेआम प्रति बंधित पेड़ों पर आरा चला रहे हैं।

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साथ ही सूरतगंज बीट के वन दरोगा व भगहर झील में तैनात वन रक्षक महेंद्र वर्मा की नई पहल।

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रिपोर्टर द्वारा फोन करने पर सूरतगंज बीट के वन दरोगा व भगहर झील वन रक्षक महेंद्र वर्मा फोन तक रिसीव नहीं करते जिससे की कोई सिकायत की जा सके।

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