बाबा की सीख लाई रंग कहां से कहां अट गए दरियाबाद बिधायक सतीश चंद शर्मा
संवाददाता मान बहादुर सिंह
रामसनेहीघाट-बाराबंकी।बाबा की सीख लाई रंग कहां से कहां अट गए दरियाबाद बिधायक सतीश चंद शर्मा राजनीति की एबीसीडी सीखकर पहले दो बार जिला पंचायत सदस्य फिर बाद में दो बार लगातार विधायक बनने वाले सतीश चंद शर्मा ने बाराबंकी जनपद की राजनीति में जो करिश्मा कर दिखाया है वह शायद अच्छे अच्छों को भी इतनी जल्दी नसीब नहीं होता, मात्र 37 वर्ष की उम्र में उन्होंने प्रदेश सरकार की कैबिनेट में शामिल होकर न केवल घर परिवार एवं क्षेत्र का नाम रोशन किया है बल्कि बाराबंकी की राजनीति में अपनी गहरी पैठ की भूमिका भी तैयार कर ली है। उनके मंत्री बनाए जाने की सूचना मिलते ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई किसी ने गोले दागकर खुशी मनाई तो किसी ने मिठाई बांटकर एक दूसरे का मुंह मीठा कराया।
1984 में जनसंघ को खत्म कर जब भाजपा का गठन हुआ तो हैदरगढ़ क्षेत्र के नसीपुर गांव निवासी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ अवधेश शर्मा को बाराबंकी जिले का प्रथम पार्टी अध्यक्ष मनोनीत किया गया जो लगातार एक दशक तक अपने पद पर बने रहे। डॉ अवधेश प्रकाश शर्मा के बेटे राजकुमार शर्मा के पुत्र के रूप में सतीश शर्मा का जन्म 15 फरवरी 1983 को हुआ था। सतीश शर्मा के पिता राजकुमार शर्मा बताते हैं कि जन्म से ही सतीश को दूसरों की सेवा करने में काफी आनंद आता था। उन्होंने अपनी शिक्षा गांव से शुरू करके जिले व लखनऊ तक पूरी की।
सतीश शर्मा ने दूसरों की सेवा करने के लिए शिक्षा में राजनीतशास्त्र विषय का चयन करके बीएड करने के बाद राजनीति शास्त्र से एमए भी कर लिया।
शिक्षक से की कैरियर की शुरुआत
सतीश शर्मा सेवा के लिए सबसे पहले शिक्षक पेशे को अपनाते हुए वर्ष 2008 में नई सड़क स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में तैनात हुए। और बच्चों को शिक्षा देनी शुरू कर दी लेकिन लोगों के दुख दर्द दूर करने का जुनून उनके ऊपर सवार रहा और इसके लिए उन्होंने राजनीति में उतरना उचित समझा।
राजनीति में जिला पंचायत सदस्य से हुई शुरुआत
सतीश शर्मा ने वर्ष 2010 में हुए जिला पंचायत चुनाव में सिद्धौर क्षेत्र से सदस्य पद का चुनाव लड़ कर भारी मतों से विजय हांसिल की तथा अपने क्षेत्र के लोगों को पांच वर्ष में ही अपना बना लिया, उसी के चलते दोबारा फिर 2015 में जिला पंचायत सदस्य बन गए। उनके विजई होने का क्रम यहीं नहीं रुका बल्कि 2017 में जिला पंचायत सदस्य रहते हुए भाजपा ने उन्हें दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद के लिए उतारा तो उन्होंने सपा के पूर्व मंत्री राजा राजीव कुमार सिंह को 50618 मतों से हराकर विधायक बन गए। विधायक के रूप में उन्होंने क्षेत्रीय लोगों पर ऐसी छाप छोड़ी कि 2022 में एक बार फिर उनके सामने सपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को मुंहकी खानी पड़ी और सतीश शर्मा ने उन्हें 32402 मतों से हरा दिया।
सतीश शर्मा के द्वारा कराए गए विकास कार्यों व जनता में उनकी छवि के चलते योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। इस बात की जानकारी होते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई और लोगों ने कहीं गाजे बाजे के साथ तो कहीं मिठाईयां बांटकर खुशियां मनाई।सतीश शर्मा को मंत्री बनाए जाने की इबारत 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिटरिया में आयोजित रैली के दौरान ही लिख दिया था जो कि शुक्रवार को सत्य साबित हो गई।
विधानसभा चुनाव के दौरान अयोध्या व बाराबंकी जनपद की 11 विधानसभाओं मे भाजपा का प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दरियाबाद विधानसभा अंतर्गत भिटरिया में रैली करके विधायक सतीश शर्मा पर अपना विश्वास जताया था। सभी 11 प्रत्याशियों तथा तमाम भाजपा नेताओं के मध्य में उन्होंने सौम्यता व विकास के लिए चर्चित सतीश शर्मा का हाथ थाम लिया था। इस रैली की सफलता से गदगद प्रधानमंत्री की मुस्कराहट से ही यह साबित हो गया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर सतीश शर्मा मंत्री जरूर बनेंगे तभी से चर्चा जोरों पर शुरू हो गई थी। चुनाव के दौरान ही निवर्तमान जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने चर्चा के दौरान कहा भी था कि संगठन व सरकार मे सतीश शर्मा का कद काफी बढ़ गया है सरकार में उन्हें मंत्री पद जरूर