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बाराबंकी

पूर्वज साहित्यकार जन्मभूमि दर्शन यात्रा के पांचवें चरण का सिरौली भवन कंपनी बाग से हरी झंडी दिखाकर हुआ शुभारंभ

स्टेटस शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। साहित्य समाज का परिमार्जन करता है और राजनीति विकास, दोनों के सह प्रयासों से समाज का सर्वांगीण और समुचित विकास संभव है।
यह विचार सोमवार को पूर्वज साहित्यकार जन्मभूमि दर्शन यात्रा के पांचवें चरण का सिरौली भवन कंपनी बाग से हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि सुधा रानी वर्मा प्रबंधक चौधरी चरण सिंह परास्नातक महाविद्यालय बरदारी ने व्यक्त किये।
शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए योगेंद्र प्रताप सिंह अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन बाराबंकी ने कहा कि जो समाज अपना इतिहास भूल जाता है उसका भविष्य अंधकार मय हो जाता है। श्री सिंह ने पंकज वर्मा कँवल व प्रदीप सारंग सहित यात्रा संयोजक मंडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी अवधी के साहित्यकारों का इतिहास सहेज कर नई पीढ़ी के लिए प्रस्तुत करना निश्चित रूप से अत्यंत सराहनीय कार्य है।
इस अवसर पर डॉ. राम बहादुर मिश्र, डॉ. विनय दास, डॉ. श्यामसुंदर दीक्षित सहित समस्त यात्रा दल के सदस्यों को मुख्य अतिथि द्वारा शाल, लेखनी प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डॉ. बलराम वर्मा, विष्णु कुमार शर्मा कुमार, सदानंद वर्मा, अब्दुल खालिक, रमेश चंद्र रावत, रजत बहादुर वर्मा, धीरेंद्र चौधरी, अनुपम वर्मा, अभिषेक वर्मा, मास्टर लल्लूराम, वीरेंद्र वर्मा एवं शशिप्रभा आदि मौजूद रहे।
यात्रा दल सबसे पहले शहर के मोहल्ला श्रीनगर स्थित पूर्वज साहित्यकार श्री राम सुमन जी के साधना भूमि पर पहुंचा। यहां पर दीपक कुमार व नीलम चौधरी की अगुवाई में यात्रा दल का स्वागत हुआ। इसके बाद यात्रा दल द्वारा पूर्वज साहित्यकार गोपीनाथ वर्मा की साधनाभूमि बीबीपुर, विनोद कृषक की साधनाभूमि बाजपुर सिद्धौर पहुंच कर पूर्वज साहित्यकारो को नमन किया गया।

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