पूर्वजों के प्रति श्रद्धा के महान पर्व पर नमामि गंगे द्वारा जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी साथ निभाने वाली गंगा की निर्मलता और अविरलता का किया गया आवाह्न
वाराणसी |
पूर्वजों के प्रति श्रद्धा के महान पर्व पर नमामि गंगे द्वारा जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी साथ निभाने वाली गंगा की निर्मलता और अविरलता का आवाह्न किया गया । दशाश्वमेध घाट पर तर्पण करने वाले नागरिकों को असुविधा न हो इस निमित्त गंगा तलहटी और घाट की साफ – सफाई की गई । लाउडस्पीकर से गंगा स्वच्छता बनाए रखने की अपील की गई । गंगा तट पर स्नान कर रहे नागरिकों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए ए दो गज की दूरी मास्क है जरूरीष् का संदेश दिया गया । साफ सफाई के पश्चात काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा हमारे जीवन काल और मृत्यु उपरांत भी हमारा साथ । हमारे पितरों को मोक्ष प्रदान करने निभाती हैं वाली गंगा के संरक्षण का संकल्प पितृपक्ष अपने नश्वर शरीर की अस्थियों के का आवाह्न होना चाहिए आयोजन में भस्मावशेष तक को गंगा में समर्पित प्रमुख रूप से पंडित किशोरी रमण दुबे करने की मधुर लालसा इस विराट दर्शन ( बाबू महाराज ) , पं ० राकेश पांडेय वाले देश की आत्मा में रची बसी है । पं ० शैलेष तिवारी एवं नमामि गंगे द्वारा गंगा शब्द भारतीय संस्कृति का पर्याय नियुक्त सफाई कर्मचारी शामिल रहे । .