देश की आजादी के लिए अंग्रेजी सेना से लड़ते हुए बलिदान देने वाले प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायक राजा बलभद्र सिंह चहलारी श्रद्धांजलि समारोह हुआ आयोजित
स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट
बाराबंकी। देश की आजादी के लिए अंग्रेजी सेना से लड़ते हुए बलिदान देने वाले प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायक राजा बलभद्र सिंह चहलारी का नाम आज स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। उनके युद्ध कौशल का वर्णन एक दर्जन से अधिक किताबों में पाया जाता है।
यह बात चहलारी नरेश बलभद्र सिंह स्मारक समिति के सचिव अजय सिंह ने शनिवार की शाम आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में कही। चहलारी नरेश बलभद्र सिंह स्मारक समिति एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए छाया चौराहा स्थित स्मृति स्थल पर दीपदान व श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री सिंह ने कहा कि जो जाति, समाज और राष्ट्र महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को याद नहीं रखता वह समाज नष्ट हो जाता है।
राजा बलभद्र सिंह चहलारी नरेश के 163वें बलिदान दिवस पर हम सब यह संकल्प लें कि हम अपने महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास और उनकी धरोहर को सदैव बचाए रखने का प्रयत्न करेंगे। अखण्ड भारतीय युवा क्रांति सगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष आशीष सिंह ‘आनन्द’ के अगुवाई में दीपदान कार्यक्रम हुआ, जिसमें रामनाथ मौर्य, सोमेश प्रताप सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष सिंह एडवोकेट, समाजसेवी बसपा नेता पंकज गुप्ता ‘पंकी’, चन्द्रप्रकाश गुप्ता सभासद, साहित्यकार विनयदास, पंकज कंवल, आयुष गुप्ता, नयन गुप्ता, उपेन्द्र प्रताप सिंह, हरिशंकर मिश्रा, दिनेश वर्मा आदि ने राजा बलभद्र सिंह चहलारी नरेश की प्रतिमा पर मार्ल्यापण व दीप प्रज्जवलन कर सभी ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।