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जनपद न्यायाधीश के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बालिकाओं का शिक्षा एवं जन्म का अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता का किया गया आयोजन

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट
बाराबंकी।जनपद न्यायाधीश श्री राधेश्याम यादव के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी द्वारा दिनांक-21.01.2021 को राजकीय महिला अस्पताल, जनपद बाराबंकी में बालिकाओं का शिक्षा एवं जन्म का अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता का आयोजन किया गया।शिविर में सचिव श्वेता चन्द्रा, पैनल अधिवक्ता कुरैशा खातून, विपिन कुमार सिंह कार्यालय प्रभारी, श्रीमती डाॅ0 संगीता श्रीवास्तव सी0एम0एस0 महिला अस्पताल, डा0 सोमेन्द्र नाथ पैथालाजिस्ट, डा0 एस0पी0तिवारी हास्पिटल मैनेजर के अतिरिक्त अन्य डाक्टर्स, स्टाफ नर्स, मोहित वर्मा, सुरेन्द्र पटेल, मोहित प्रजापति व जनसामन्य के लोग मौजूद रहे।

सचिव सुश्री श्वेता चन्द्रा द्वारा इस अवसर पर बालिकाओं की शिक्षा एवं जन्म के अधिकार पर चर्चा करते हुए सभी से अपील की कि वह महिलाओं के हितार्थ रचित कानूनों का पालन करें और सामाजिक सुधारों में सहभागी बनें। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं शीर्षक पर बोलते हुए कहा गया कि लैगिंक एवं सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए वैयक्तिक पहल करने का समय आ गया है। समाज में लैगिंक भेद के आधार पर उत्पन्न होने वाली बुराईयों जैसे महिला उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न, यौन शोषण, बाल विवाह, कन्या भू्रण हत्या का सुधार करने के लिए तन्त्र एवं व्यवस्था को दोष दिया जाना उचित नहीं है। हम सभी की गुरूतर जिम्मेदारी है कि इन सुधारों के लिए वैयक्तिक और सामाजिक पहल करें जिससे भेदभावपूर्ण एवं उत्पीड़नात्मक व्यवस्था का अंत हो सके और नई पीढ़ी में उच्च श्रेणी के नैतिक मूल्यों की स्थापना हो सके। उज्जवल भारत की कल्पना बिना बेटियों के संभव नहीं है। लैंगिक समानता विषय पर बोलते हुए कहा कि आज हमें संवैधानिक रूप से यह अधिकार प्राप्त है कि हम लैंगिक भेद के आधार पर किसी को भी कम अथवा अधिक महत्व नहीं देगें। यदि कोई लैंगिक आधार पर भेदभाव करता है तो उसके लिए कानूनी दण्ड भी निर्धारित किये गये है लेकिन वास्तविकता में सामाजिक स्तर पर यह भेदभाव किया जा रहा है जो कि सही नहीं हैं। पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट के तहत प्राधिनाधित सजा के विषय में भी विस्तार से जानकारियां दी गई।इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता कुरैशा खातून द्वारा महिला हेल्प लाइन नम्बर, आत्मरक्षा पर बतया गया। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा बताया गया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार प्राप्त हैं, उन्हें अपनी इच्छानुसार नौकरी अथवा व्यापार करने का अधिकार प्राप्त है किन्तु अज्ञानता के कारण वे इन अधिकारों का लाभ नहीं ले पाती हैं। किसी भी महिला को किसी स्थान पर जाने, किसी से बात करने आदि से नहीं रोका जा सकता है यदि कोई ऐसा करता है तो महिलाओं के अधिकारों का हनन कर रहा है और ऐसे लोगों के लिए कानून में दण्ड का भी प्राविधान किया गया है। आज सबसे बड़ी जरूरत यह है कि महिलाएं न सिर्फ जागरूक हो बल्कि अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए तत्पर भी हों। इस अवसर पर उनके द्वारा प्रोजेक्टर प्रदर्शन के द्वारा कानून की जानकारी भी दी गई।डा0 सोमेन्द्र नाथ द्वारा कोविड-19 संक्रमण की लक्षण, पहचान, एवं बचाव के उपायों के विषय में विस्तार से बताया गया।।कार्यक्रम के संचालन विपिन कुमार सिंह, कार्यालय प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। विधिक साक्षरता कार्यक्रम में दिये गये विचारों से सभी लोग लाभान्वित हुएं और उनके द्वारा पुनः ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की अपेक्षा की गई।

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