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कोयला मंत्रालयभारत

कोयला ब्लॉकों की नीलामी

रिपोर्ट:-शमीम 

कोयला ब्लॉकों की नीलामी एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों कंपनियां भाग ले सकती हैं।

कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए अपनाई गई नीति के अनुसार सभी कोयला ब्लॉकों को अब कोयले की बिक्री के लिए नीलामी के माध्यम से आवंटन के लिए पेश किया जा रहा है। खान, खनिज और कोयला क्षेत्रों पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में 29.03.2019 को एक उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) बनाई गई थी, जो अन्वेषण, घरेलू उत्पादन को बढ़ाने, आयात कम करने और कोयले के निर्यात में तेजी से वृद्धि हासिल करने के लिए सिफारिशें देगी। मंत्रालय ने 2020 में एचएलसी रिपोर्ट की सिफारिशों पर सहमति व्यक्त की है कि अन्वेषण और खनन के लिए सभी रियायतें धीरे-धीरे वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बदल दी जाएंगी।

एचएलसी द्वारा यह भी सिफारिश की गई कि इस रिपोर्ट की स्वीकृति के एक वर्ष के बाद सभी नीलामी/आवंटन केवल वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए दिए जाएंगे और एक वर्ष के बाद कोयला मंत्रालय द्वारा निर्धारित असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर प्रत्यक्ष आवंटन रूट बंद कर दिया जाएगा और सार्वजनिक उपक्रम कोयला ब्लॉकों की नीलामी में भाग ले सकते हैं।

सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के निजीकरण के उद्देश्य से कोयला ब्लॉकों की नीलामी की कोई योजना नहीं है।

यह जानकारी आज लोकसभा में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने एक लिखित उत्तर में दी।

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