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श्री रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में कोर्ट परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की शपथ कार्यक्रम का किया गया आयोजन

रिपोर्ट शमीम

उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा-निर्देशन में एवं श्री रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में दिनांक 26.11.2022 को, समय प्रातः 10:00 बजे, सिविल कोर्ट परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री रवीन्द्र नाथ दूबे जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायिक अधिकारियों, जिला बार के

पदाधिकारियों, अधिवक्तागणों, सिविल कोर्ट के कर्मचारियों को संविधान की शपथ दिलाई गयी। इस अवसर पर जनपद न्यायालय के न्यायिक अधिकारीगण, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र वर्मा, जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, जनपद न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

श्री आदर्श श्रीवास्तव सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि आज हम लोग संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की शपथ लेने के लिये एकत्र हुये है, हमको संविधान की शपथ लेकर संविधान के बताये हुये रास्ते पर चलना है भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। भारत का संविधान पूरे विश्व में सबसे अच्छा संविधान है जिसे डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा तैयार किया गया संविधान किसी देश की ऐसी सर्वोच्च विधि होती है जिसके माध्यम से उस देश का शासन-प्रशासन संचालित किया जाता है। किसी भी देश की राजव्यवस्था के संचालन में अन्य विधियों की अपेक्षा संविधान का सर्वोच्च स्थान होता है और यदि न्यायपालिका को भी किसी विधि की व्याख्या करनी होती है तो वह संविधान के अनुक्रम में ही वैधानिकता की जाँच करती है। अतः स्पष्ट है कि संविधान किसी भी देश की वैधानिक व्यवस्था में सर्वोच्च स्थान रखता है साथ ही यह भी बताया गया कि समस्त नागरिकों को संवैधानिक तरीके से अपने दायित्वों का निर्वाहन करना चाहिये।

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