उपराष्ट्रपति ने निवारक स्वास्थ्य सेवा पर जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया जीवनशैली में बदलाव और स्वस्थ खान-पान की आदत अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है: उपराष्ट्रपति
रिपोर्ट शिवा वर्मा के साथ समित अवस्थी
उपराष्ट्रपति ने निवारक स्वास्थ्य सेवा पर जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया
जीवनशैली में बदलाव और स्वस्थ खान-पान की आदत अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने स्वर्ण भारत ट्रस्ट और ग्लोबल अस्पताल, चेन्नई की ओर से आयोजित चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज चिकित्सा क्षेत्र के समुदाय से लोगों के बीच निवारक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व और एक स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया।
श्री नायडू ने एक मजबूत, स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए व्यापक प्रयासों का आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने निजी संस्थानों, बड़े व्यापार घरानों और व्यक्तियों से स्वास्थ्य सेवा में सरकारी पहलों को आगे बढ़ाने को लेकर अपना समय व संसाधन खर्च करने का अनुरोध किया।
उपराष्ट्रपति ने आज नेल्लोर स्थित स्वर्ण भारत ट्रस्ट और ग्लोबल अस्पताल, चेन्नई की ओर से आयोजित एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री नायडू ने कहा कि देश में गतिहीन और तनावपूर्ण जीवन शैली के साथ अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें गैर-संक्रमणकारी रोगों की संख्या में बढ़ोतरी कर रही हैं। उन्होंने सभी लोगों से, विशेषकर युवाओं से शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए योग जैसी नियमित शारीरिक गतिविधियां करने का अनुरोध किया।
श्री नायडू ने आगे कहा कि उनकी इच्छा है कि संसद, प्रेस और राजनीतिक दल स्वास्थ्य, शिक्षा व कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि सरकारें इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए अधिक बजट का आवंटन करें।
उन्होंने युवाओं के बीच ‘फास्ट फूड कल्चर’ का उल्लेख करते हुए उन्हें पारंपरिक रूप से तैयार व पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी। इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने युवाओं के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रकृति की गोद में कुछ समय गुजारने की जरूरत पर भी जोर दिया।
श्री नायडू ने युवाओं में नशीली चीजों के सेवन की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को नशीले पदार्थों के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए व्यापक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने सभी हितधारकों से नशीले पदार्थों के खतरे को जड़ से समाप्त करने के लिए ठोस प्रयास करने के लिए कहा।
इस शिविर में पल्मोनरी (फेफड़े से संबंधित), फेफड़े, हड्डी रोग, नेत्र रोग, दंत चिकित्सा और अन्य विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए नि:शुल्क जांच परीक्षण की सुविधा प्रदान की दी गई है। इसके अलावा मोतियाबिंद की सर्जरी भी की गई। इस शिविर में 500 से अधिक लोगों की जांच की गई। श्री नायडू ने इस शिविर आयोजित करने के लिए आयोजकों की सराहना की।
इससे पहले श्री नायडू ने स्वर्ण भारत ट्रस्ट के वृद्धाश्रम का दौरा किया। उन्होंने यहां के वृद्धजनों से बातचीत की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की।
[28/04, 8:45 pm] up bhaiyn: जन जातीय मामलों के मंत्रालय ने झारखंड में आदिग्राम पर 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया
जनजातीय योजनाओं के निगरानी पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के लिए राज्य के अधिकारियों एवं एजेंसियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए
जनजातीय मामलों का मंत्रालय (एमओटीए) अपनी ‘आउटरीच पहल’ के हिस्से के रूप में जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं के निष्पादन से जुड़े प्रमुख हितधारकों से जुड़ रहा है।
इसी क्रम में, एमओटीए ने 27 और 28 अप्रैल 2022 को एडीआईजीआरएएमएस यानी आदिग्राम (आदिवासी अनुदान प्रबंधन प्रणाली) पर झारखंड राज्य के प्रमुख पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड राज्य के जन जातीय मंत्रालय के रांची स्थित ‘परियोजना भवन’ में किया गया था। आदिवासी योजना कार्यान्वयन से जुड़े राज्य भर के सभी 24 जिलों की परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) के साथ-साथ जिला कल्याण अधिकारियों, आईटीडीए के अधिकारियों जैसे 66 प्रमुख अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्हें डाटा अपलोड करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. नवल जीत कपूर ने बताया कि आदिग्राम एक अनूठा पोर्टल है जो मंत्रालय द्वारा राज्यों को दिए गए अनुदान की भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी करता है और धन के वास्तविक उपयोग का पता लगा सकता है। लाभार्थियों का विवरण भी इस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को जियोटैग किया गया है। जब इसमें 2017-18 से 2021-22 तक का डेटा अपलोड हो जाएगा तब उसके बाद अपलोड की गई जानकारी सबके लिए सुलभ कर दी जाएगी जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। जन जातीय मामलों के मंत्रालय ने इसी तरह के कार्यक्रम महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय में आयोजित किए हैं, जहां एमओटीए और यूएनडीपी के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने प्रशिक्षण देने का काम किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड के एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री के. के. सोन और अजय नाथ झा, आयुक्त के समन्वय से किया गया जिसमें राज्य स्तर के कार्यान्वयन निकायों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। यूएनडीपी के श्री जयंत कुमार और इस पोर्टल को विकसित करने वाली धनुष इंफोटेक की टीम राज्यों की आवश्यकता के अनुसार नियमित तौर पर ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।