सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच कर परिजनों ने शव को रखकर किया विरोध प्रदर्शन

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी– थाना नीमगांव के गेट पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच कर परिजनों ने शव को रखकर किया विरोध प्रदर्शन । नीमगांव पुलिस के समक्ष पिछले चार पांच माह पूर्व हुई मारपीट के मामले को लेकर बताई अपनी बात उसी मारपीट में घायल युवक की लखनऊ मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान हुई मौत पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराने के लिए जिला मुख्यालय भेजा। वहीं परिजन विपक्षीगणों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे है जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के खरगपुर बिलरिया निवासी मृतक मनोज कुमार पुत्र छोटे लाल उम्र 35वर्ष के साथ चार पांच माह पूर्व खुर्शीद पुत्र सिराजुद्दीन के साथ गन्ना छिलने के समय वादविवाद और जमकर मारपीट हुई थी जिसकी सूचना नीमगांव थाने पर दी गयी पर नीम गांव पुलिस ने विपक्षी लोगों के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की उसी मामले को लेकर खुन्नस खाये विपक्षी लोगों ने बीते छ दिन पूर्व 24अगस्त को गांव में मृतक मनोज को फिर से जमकर मारा पीटा जिससे गंभीर रूप घायल युवक को परिजन थाने लेकर पहुंचे वहां उनकी कोई सुनवाई हीं की गयी उल्टे उन्हें ईलाज कराने की बात कहकर टरका दिया गया परिजन उसे घायल अवस्था में लखीमपुर जिला अस्पताल इलाज के लिए ले गये वहां डाक्टरों ने गम्भीर हालत के चलते लखनऊ ट्रामा सेंटर भेजा जहां इलाज के दौरान युवक की बीते एक दिन पूर्व मौत हो गयी परिजन शव लेकर सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित होकर रविवार सुबह शव को ट्रैक्टर ट्राली से लेकर थाने पर घेराव करते हुए हंगामा करने लगे मौके की नजाकत भांपते हुए इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह ने परिजनों से खुर्शीद सहित एक दर्जन लोगों के विरुद्ध तहरीर ले लिया है और लोगों को समझा बुझाकर एस आई जय शर्मा ने शांत कराया वही पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया । यदि पुलिस समय रहते कार्यवाही कर देती तो नही जाती मनोज की जान लोगो का मानना है कि जब इस झगड़े की शुरूआत हुई थी तभी पुलिस को तहरीर दी गयी थी परंतु पुलिस ने उस प्रकरण में कोई रुचि नही दिखाई न ही किसी तरह की कार्यवाही की जिसका परिणाम मनोज को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है यदि पुलिस समय रहते चेत जाती और आरोपियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही कर देती तो आज मनोज जिंदा होता