उत्तर प्रदेशभारत
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण प्रदान करने के लिए उठाए गए कदम
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रिपोर्ट:-शमीम
सरकार ने देश में एमएसएमई तक ऋण की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए चल रही योजनाओं सहित कई उपाय किए हैं। इनमें से कुछ में निम्नलिखित शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) जो एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है और इसका उद्देश्य स्व-रोज़गार पैदा करना है;
- गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई);
- पीएम विश्वकर्मा योजना: 13000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 2023-24 से 2027-28 की अवधि के दौरान चलने वाली एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना। इस योजना में शामिल 18 व्यवसायों में अपने हाथों से औजारों का उपयोग करके काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को ऋण सहायता सहित शुरू से अंत तक समग्र सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
- ऋण वितरण प्रणाली को मजबूत करना और सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्षेत्र को कोलेटरल और थर्ड पार्टी की गारंटी की झंझटों के बिना सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना के माध्यम से अधिकतम 5 करोड़ रु. तक ऋण के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने का प्रयास।
- प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को एमएसएमई के औपचारिक दायरे में लाने के लिए 11.01.2023 को उदयम असिस्ट प्लेटफॉर्म का शुभारंभ;
- प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई के रूप में शामिल करना जो 02.07.2021 से लागू है;
- एमएसएमई के स्टेटस में सुधार के मामले में बिना टैक्स लाभ 3 साल के लिए बढ़ाए गए;
- इलेक्ट्रॉनिक रूप से कई फाइनेंसरों के माध्यम से सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) सहित कॉर्पोरेट और अन्य खरीदारों से एमएसएमई के व्यापार प्राप्तियों के फंडिंग की सुविधा के लिए ट्रेड रिसीवेबल डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस);
- आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपए इक्विटी निवेश;
- एमएसएमई में ऋण के अंतर को पूरा करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 5 लाख करोड़ की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की घोषणा की गई थी। यह योजना 31.03.2023 तक चालू थी।
पिछले पांच वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना के प्रदर्शन के प्रमुख आंकड़े नीचे दिए गए हैं:
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम:
वित्त वर्ष | जिन इकाइयों की मदद की गई | रोजगार सृजन का अनुमान |
2018-19 | 73,427 | 5,87,416 |
2019-20 | 66,653 | 5,33,224 |
2020-21 | 74,415 | 5,95,320 |
2021-22 | 1,03,219 | 8,25,752 |
2022-23 | 85,167 | 6,81,336 |
2023-24 30.01.2024 तक | 65,324 | 5,22,592 |
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सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना:
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वित्त वर्ष | स्वीकृत गारंटी की संख्या | राशि (₹करोड़) |
2018-19 | 4,35,520 | 30,169 |
2019-20 | 8,46,650 | 45,851 |
2020-21 | 8,35,592 | 36,899 |
2021-22 | 7,17,020 | 56,172 |
2022-23 | 11,65,786 | 1,04,781 |
2023-24 31.12.2023 तक | 11,02,548 | 1,35,668 |
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यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आज राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।
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