सुहागिनों ने पतियों की लंबी उम्र की ब्रत रखकर की कामना

रामसनेहीघाट बाराबंकी = गुरुवारकी सुबह पतिव्रता स्त्रियों के लिये खास रही पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत रखा। । स्त्रियों ने वट वृक्ष के समीप सावित्री की पूजा की व सावित्री व सत्यवान की कथा भी सुनी पति की लंबी उम्र की कामना की
सनातन धर्म में पति को परमेश्वर का दूसरा रूप माना गया है प्रत्येक स्त्री कामना करती है कि वह सुहागन रहे स्वयं कोई कष्ट हो पर पति दीर्घायु और स्वस्थ रहे इसी कामना का व्रत है वटसावित्री व्रत पतिव्रता स्त्री में इतनी ताकत होती है कि वह यमराज से भी अपने पति के प्राण वापस ला सकती है। वहीं सास-ससुर की सेवा और पत्नी धर्म की सीख भी इस पर्व से मिलती है। ईश्वर से पति की लंबी आयु स्वास्थ्य और उन्नति और संतान प्राप्ति की कामना की गई वट सावित्री पूजा का सुहागिनों के लिए विशेष महत्व होता है
अमर सुहाग की कामना को लेकर सुहागिन वटवृक्ष की पूजा करती है स्नान ध्यान के बाद सुहागिन नए वस्त्र धारण कर हाथों में पूजा की थाली लिए टोली की शक्ल में वट वृक्ष के नीचे पहुंची। जहां जल पूड़ी सिंदूर हल्दी गुड़ भींगा चना फल व प्रसाद से विधि-विधान पूर्वक सावित्री तथा सत्यावान की पूजा अर्चना की उसके बाद महिलाएं वट वृक्ष के तने में कच्चा सुत लपेटकर अमर सुहाग की कामना कर परिक्रमा भी करती है
बताया जाता है वट सावित्री पूजा सुहागिनों के अखंड सौभाग्य प्राप्त करने का प्रमाणिक और प्राचीन व्रत है धर्म ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि व्रत करने से अल्पायु पति भी दीघार्यु हो जाता है। उन्होंने बताया कि जब सत्यवान की आत्मा को यमराज लेने पहुंचे थे तब उनकी पत्नी सावित्री भी उनके पीछे चल पड़ी यमराज के काफी समझाने के बाद भी जब वह वापस नहीं लौटी तब विवश होकर यमराज ने सत्यवान की आत्मा का प्रवेश उसके मृत शरीर में करवा दिया
उसी समय सावित्री ने वट की पूजा की थी क्षेत्र के कस्बे व गाँव मे स्त्रियों ने वट सावित्री की पूजा अर्चना की ।