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भारतरक्षा मंत्रालय

सीएसएल, कोच्चि में एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी (सीएसएल) परियोजना के प्रथम तीन जहाजों ‘माहे, मालवन और मंगरोल’ का 30 नवंबर 23 को एक साथ लॉन्च

रिपोर्ट:-शमीम 

सीएसएल, कोच्चि द्वारा भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे 08 एक्स एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (सीएसएल) परियोजना के प्रथम तीन जहाजों माहे, मालवन और मंगरोल को 30 नवंबर 23 को सीएसएल, कोच्चि में लॉन्च किया गया। समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए माहे को वाइस एडमिरल पुनीत बहल, कमांडेंट आईएनए की उपस्थिति में श्रीमती अंजलि बहल ने लॉन्च किया, मालवन को वाइस एडमिरल सूरज बेरी, सी-इन-सी की उपस्थिति में श्रीमती कंगना बेरी द्वारा लॉन्च किया गया और मंगरोल को वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह, नौसेना उप-प्रमुख की उपस्थिति में  श्रीमती ज़रीन लॉर्ड सिंह ने लॉन्च किया। जहाजों को अथर्ववेद के मंगलाचरण के साथ लॉन्च किया गया। माहे श्रेणी के एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट्स का नाम भारत के तट से सटे रणनीतिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है और ये पूर्ववर्ती युद्धपोतों की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जो उनके हमनाम थे।

रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर 30 अप्रैल 19 को हस्ताक्षर किए गए थे। माहे श्रेणी के जहाजों को स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक अंडरवॉटर सेंसर से लैस किया जाएगा और इनकी परिकल्पना तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) और खदान बिछाने परिचालनों के लिए गई है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज 78 मीटर लंबे हैं और 25 समुद्री मील अधिकतम गति सहित इनका विस्थापन लगभग 900 टन है।

समान श्रेणी के तीन जहाजों का एक साथ लॉन्च ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में स्वदेशी जहाज निर्माण में हमारी प्रगति को उजागर करता है। परियोजना के पहले जहाज की प्रदायगी 2024 में किए जाने की योजना है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा किया जाएगा, जिससे देश के भीतर रोजगार और सामर्थ्य में वृद्धि होगी।

 

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