सबका साथ – सबका विकास की बात करने वाली भाजपा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की भी सुध लें।

रिपोर्ट:-शिवा वर्मा।
बाराबंकी :- सबका साथ – सबका विकास की बात करने वाली भाजपा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की भी सुध लें जिनका करोड़ो करोड़ रूपया फर्जी कम्पनियों ने भारी मुनाफे का लालच देकर निवेश करा लिया हैं और अब वापस नही कर रही हैं। उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय और सेबी के दखल के बाद भी अभी तक गरीब का पैसा नही मिल पा रहा हैं। सरकार गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को न्याय दिलाने के लिये उच्चतम न्यायालय तथा सेबी की गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करके गरीबों का पैसा कम्पनियों से वापस दिलायें। कांग्रेसजन सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करने के लिये कि जिन कम्पनियों में निवेशकों का पैसा फंसा हैं उसे सूचीबद्ध करके इसे वापस दिलाये जाने की मांग को लेकर 4 जनवरी को प्रदर्शन करके प्रदेश के महामहिम को ज्ञापन प्रेषित करेंगे।
उक्त आशय की जानकारी उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के मध्य जोन के अध्यक्ष तनुज पुनिया तथा कांग्रेस अध्यक्ष मो. मोहसिन ने आज पूर्व सांसद डॉ.पी.एल.पुनिया के ओबरी आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
नेताद्वय ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि इन फर्जी कम्पनियों की भारी मुनाफें की लालच में पड़कर गरीब एवं मध्यमवर्गीय आवाम ने अपने बच्चों की पढ़ाई, शादी आदि के लिये अपना पेट काटकर पैसा इन कम्पनियों में जमा कर दिया और आज जब उन्हें पैसे की जरूरत हैं तो लाभ की रकम की जगह उन्हें उनका मूलधन नही मिल पा रहा हैं, सरकार के पास इस फर्जीवाड़े कि प्रदेश के कितने निवेशकों को पैसा फंसा हैं इसकी कोई सूची तक नही हैं और कम्पनियां दिन प्रतिदिन आवाम का लूट रही हैं। उदाहरण के तौर पर पर्ल कम्पनी ने अपने 18 वर्षों के चलाये गये गोरखधन्धे से प्रदेश के लोगों से 60 हजार करोड़ की राशि अवैध सामूहिक निवेश योजना (सी.आई.एफ.) के जरिये जुटायी। बाजार नियामक सेबी के अनुसार 31 मार्च 2021 तक पर्ल कम्पनी द्वारा अपने पी.ए.सी. के लाखों निवेशकों के लूटे गये 10 हजार करोड़ रूपये में निवेशकों को सिर्फ 438 करोड़ रूपये ही वापस मिल पाये हैं जबकि आवेदकों के दावे अधिकतर 10 हजार रूपये तक ही हैं और अभी भी कम्पनी मे लोगों का लगभग 9500 करोड़ रूपये फंसा हैं।
इसी तरह सहारा गु्रप ने अपनी दो कम्पनियों तथा के जरिये निवेशकों से करीब 24 हजार करोड़ रूपये जुटाये और इन रूपयों का कहां और कैसे इस्तेमाल किया इसका कोई हिसाब नही हैं। यह मामला 2009 में सहारा गु्रप की एक कम्पनी के शेयर मार्केट में जाने की इच्छा से शुरू होता हैं क्योंकि शेयर मार्केट में जाने के लिये सेबी की अनुमति लेनी जरूरी होती हैं जब सहारा प्राइम सिटी नाम की कम्पनी ने सेबी से प्च्व् लाने के लिये डी.आर.एच.पी. भेजा जब उसकी जांच चल रही थी तभी सेबी को लगा कि सहारा इण्डिया रियल स्टेट तथा सहारा हाउसिंग कम्पनियों ने गलत तरीके से जनता से पैसा वसूला हैं। इनमें ज्यादातर निवेशक उत्तर प्रदेश के हैं जिन्होंने बेहतर रिटर्न के लिये पर्ल एवं सहारा में अपना पैसा जमा किया लेकिन सर्वोच्च न्यायालय, सेबी के दखल के बाद भी गरीब का पैसा नही मिल पा रहा हैं जिसकी लड़ाई लड़ने का निर्णय कांग्रेस पार्टी ने लिया हैं।
पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से नगर अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा फोटोवाला तथा पार्टी प्रवक्ता सरजू शर्मा विशेष रूप से मौजूूद थे।