Advertisement
भारतविद्युत मंत्रालय

व्यावहारिकता अंतर निधि द्वारा वित्त पोषित बैटरी आधारित ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजनाओं से उत्पन्न कम से कम 85 प्रतिशत बिजली दूसरों के लिए उपलब्ध कराने से पहले डिस्कॉम को दी जाएगी: केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

रिपोर्ट:-शमीम 

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि सरकार ने 4,000 मेगावाट घंटे (एमडब्ल्यूएच) की क्षमता वाली बैटरी आधारित ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के विकास के लिए व्यावहारिकता अंतर निधि (वीजीएफ) योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

इस योजना के तहत, बैटरी आधारित ऊर्जा भंडारण प्रणाली के लिए पूंजीगत लागत का 40 प्रतिशत तक हिस्सा केंद्र सरकार की व्यावहारिकता अंतर निधि द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की संस्थाओं का चयन बैटरी आधारित ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास के लिए योजना और बोली हेतु दिशानिर्देशों के प्रावधानों के अनुसार कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा आयोजित की जाने वाली निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।

इस योजना के अंतर्गत परियोजनाओं को 3 वर्ष (2023-24 से 2025-26) की अवधि के दौरान कार्यान्वित किया जाएगा और इस योजना को डिस्कॉम के उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के उद्देश्य से व्यावहारिकता अंतर निधि द्वारा वित्त पोषित बैटरी आधारित ऊर्जा भंडारण प्रणाली की परियोजनाओं से उत्पन्न कम से कम 85 प्रतिशत बिजली दूसरों के लिए उपलब्ध कराने से पहले डिस्कॉम को दी जाएगी।

व्यावहारिकता अंतर निधि योजना के तहत डेवलपर्स का चयन अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है।

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने 21 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।

विज्ञापन

इन्हें भी पढ़ें:

विज्ञापन 2
  • कैबिनेट ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के विकास के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना को मंजूरी दी
  • बोली में ऊर्जा भंडारण की लागत 10.18 रुपये प्रति किलोवाट घंटा हुई, बैटरी ऊर्जा भंडारण के लिए वीजीएफ और पीएलआई से भंडारण की लागत कम होने की उम्मीद: केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री

विज्ञापन 3

विज्ञापन 4

विज्ञापन 5
advertisement

Related Articles

Back to top button
error: Sorry !!