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कृषि बिल के विरोध में भारत बंद का समर्थन करते हुए गाँधीवादी राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में जनमत सत्याग्रह का किया गया आयोजन

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। कृषि बिल के विरोध में भारत बंद का समर्थन करते हुए गाँधीवादी राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में जनमत सत्याग्रह का आयोजन गाँधी भवन में किया गया। जिसके अंतर्गत हस्ताक्षर अभियान में किसान आंदोलन से जुड़े सैकड़ो समर्थकों ने हस्ताक्षर करके भारत बंद का समर्थन किया। इस दौरान सत्याग्रह पर बैठे गाँधीवादी राजनाथ शर्मा ने कहा कि किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह आंदोलन किसानों की आय और सम्पति से जुड़ा आंदोलन है। जिसका सरोकार खालिस्तान, पाकिस्तान या कश्मीर से नही है। बल्कि यह किसानों की समस्याओं का आंदोलन है। जिस पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए। किसान आंदोलन से जुड़ा भारत बंद का आह्वाहन पूंजीपतियों के खिलाफ मोर्चा बंदी है। जो किसानों से जुड़ी नीतियों को प्रभावित करने का काम कर रहे है।
श्री शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के बारे में देश में अफवाहें फैलाई जा रही हैं। ना तो यह आंदोलन बिचैलियों का आंदोलन है, ना यह सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन है, और ना ही यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल की ओर से किया जा रहा है। यह आंदोलन देश के किसान का एक ऐतिहसिक आंदोलन है जिसने भारत बंद करके केन्द्र सरकार को चुनौती दी है। आज किसानों ने भारत बंद करके दिखाया है कि ये आंदोलन पूरे भारत में हो रहा है और यदि कृषि बिल वापस न हुआ तो आन्दोलन आगे भी होता रहेेगा।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव धनंजय शर्मा ने कहा कि भारत बंद से सरकार घबरा गई है। वह किसान आन्दोलन को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहे है। जिससेे सरकार की कारगुजारी उजागर हुई है। किसानों की समस्या देश की अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाती है। यह आंदोलन आलोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध चुनौती साबित होगा।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार राजा सिंह, पाटेश्वरी प्रसाद, वासिक रफीक वारसी, मृत्युंजय शर्मा, इफ्तिखार हुसैन, संजय सिंह, सत्यवान वर्मा, पी.के सिंह, अशोक जायसवाल, राहुल यादव आदि लोग सत्याग्रह में शामिल रहे।

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