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जल शक्ति मंत्रालयभारत

वाटर विजन @2047-आगे का रास्ता- पर अखिल भारतीय सचिव सम्मेलन 23-24 जनवरी को महाबलीपुरम में आयोजित किया जाएगा

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगे

रिपोर्ट:-शमीम 

जल सुरक्षा के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जल शक्ति मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय जल मिशन वाटर विजन @2047 आगे का रास्ता- पर अखिल भारतीय सचिव सम्मेलन 23-24 जनवरी को महाबलीपुरम में आयोजित किया जा रहा है। 23 और 24 जनवरी2024 को महाबलीपुरमचेन्नई (तमिलनाडु) में आयोजित होने वाले सम्मेलन का उद्देश्य 5 और 6 जनवरी को भोपाल, मध्य प्रदेश में आयोजित किया गए “जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य सरकार मंत्री सम्मेलन” के दौरान केंद्र और राज्यों द्वारा सुझाई गई 22 संस्तुतियों पर विचार करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और की गई कार्रवाई की समीक्षा करना है।

पानी एक अमूल्य संपत्ति है, जो पारिस्थितिक तंत्र, समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए जीवनरेखा के रूप में कार्य करता है। एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में, इसकी भूमिका बुनियादी जीविका से कहीं आगे तक फैली हुई है, जिसमें कृषि, उद्योग और ऊर्जा उत्पादन शामिल हैं। पानी को एक महत्वपूर्ण उपयोगी वस्तु के रूप में स्वीकार करते हुए और जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, जल पर राज्य मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया गया था, जिसमें इस अपरिहार्य संसाधन के टिकाऊ प्रबंधन और न्यायसंगत पहुंच की दिशा में एक दूरदर्शी योजना तैयार की गई। कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य राज्यों और हितधारक मंत्रालयों के साथ भागीदारी की तलाश करना और उसे मजबूत करना तथा पानी से संबंधित मुद्दों पर समग्र और इंटर डिसिप्लीनरी दृष्टिकोण के साथ एकीकृत तरीके से एक बहुमूल्य संसाधन के रूप में पानी का प्रबंधन करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण प्राप्त करना था। यह सम्मेलन जल क्षेत्र में साइलो को ब्रेक करने की दिशा में आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण था। इस सम्मेलन के विचार-विमर्श का परिणाम 22 संस्तुतियां थी जो इस विजन को प्राप्त करने में मदद करने के लिए थीं।

भोपाल में आयोजित कार्यक्रम के अनुसरण में,  महाबलीपुरम में होने वाला सम्मेलन पिछले सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श के फलस्वरूप प्रस्तावित 22 संस्तुतियों पर अनुवर्ती कार्रवाई करना चाहता है। महाबलीपुरम सम्मेलन में निर्धारित सत्र इन संस्तुतियों से निकलने वाले पांच महत्वपूर्ण विषयों- जल प्रशासन और जल गुणवत्ताजलवायु लचीलापन और नदी स्वास्थ्यजल उपयोग दक्षताजल भंडारण और जन भागीदारी – के इर्द-गिर्द रहेंगे।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री श्री दुरई मुरूगन इस दो दिवसीय सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श में भाग लेंगे। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय की एक फिल्म – “फॉर ए वॉटर सिक्योर फ्यूचर” और “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन – ए जर्नी” नामक पुस्तक जारी की जाएगी।

यह सम्मेलन जल क्षेत्र में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। प्रतिभागियों में केंद्रीय भागीदार मंत्रालयों, राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), द्विपक्षीय भागीदारों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह सहयोगी मंच अंतर्दृष्टि साझा करने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने और जल सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय विजन को और समृद्ध करने का काम करेगा।

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इस आयोजन में केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों, विभिन्न राज्यों के जल संसाधन, पीएचईडी और सिंचाई विभागों के अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों, राज्यों के वरिष्ठतम सचिवों, द्विपक्षीय भागीदारों/बहुपक्षीय संगठनों/एनजीओ तथा मीडिया भागीदारों के साथ प्रतिनिधियों की जीवंत भागीदारी देखी जाएगी।

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हितधारकों की भूमिका:

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  1. राज्य सरकारें: राज्य-स्तरीय प्रतिनिधि क्षेत्रीय चुनौतियों, सफलताओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सम्मेलन का उद्देश्य बेहतर जल प्रबंधन के लिए अंतर-राज्यीय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को सुगम बनाना है।
  2. केंद्रीय भागीदार मंत्रालय: समग्र दृष्टिकोण के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ सहयोग आवश्यक है। केंद्रीय भागीदार मंत्रालयों के प्रतिनिधि क्रॉस-सेक्टोरल पहलों और नीतिगत सुसंगतता पर चर्चा करेंगे।
  3. गैर सरकारी संगठन: गैर-सरकारी संगठन जमीनी स्तर के दृष्टिकोण और सामुदायिक सहभागिता मॉडल को सामने लाते हैं। यह सम्मेलन प्रभाव को बढ़ाने के लिए सरकारी निकायों और गैर सरकारी संगठनों के बीच प्रभावी सहयोग के रास्ते को तलाश करेगा।
  4. द्विपक्षीय भागीदार: वैश्वीकृत दुनिया में, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सर्वोपरि है। द्विपक्षीय साझेदार जल संबंधी चुनौतियों पर आपसी सीख और सहयोग को बढ़ावा देते हुए अंतर्दृष्टि, अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे।

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