Advertisement
बाराबंकी

वयोवृद्ध गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने किसान आंदोलन के 91वे दिन आंदोलन के समर्थन और बढ़ी महंगाई के विरोध में रखा उपवास

स्टेट हेड शमीम की रिपोर्ट

बाराबंकी। वयोवृद्ध गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने लगभग एक शतक पूरा कर रहे किसान आंदोलन के 91वे दिन आंदोलन के समर्थन और बढ़ी महंगाई के विरोध में उपवास रखा।
नगर के गांधी भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा और डॉ राममनोहर लोहिया के चित्र पर माल्यार्पण कर उपवास का प्रारंभ किया और शाम छह बजे तक सत्याग्रह जारी रहा।
गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन विरोधी नीतियों को चुनौती देते हुए कहा कि सरकार महात्मा गांधी, राममनोहर लोहिया और अम्बेडकर की नीतियों को आत्मसात करने की बात सिर्फ भाषणों में करती है। जबकि धरातल पर उन महापुरुषों की विचारधाराओं के विपरित क्रियान्वयन होता है। सरकार उद्योगपतियों को खुश करने में लगी है। मध्यम वर्गीय, गरीबों, किसानों, बेरोजगारों की कोई सुध नहीं ले रहा है। उन्होंने उपवास के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग की है कि कृषि संबंधी तीनों बिल वापस हों। सरकार जनहित में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को समाप्त करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए।
श्री शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन देश का आजादी के बाद सबसे पहला ऐतिहासिक सत्याग्रह है। बढ़ती महंगाई एवं बढ़ते तेल व घरेलू गैस के दाम तथा खाद की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा है। सरकार महगांई को नियंत्रित करने के बजाए महंगाई बढ़ाती ही जा रही है।
श्री शर्मा ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन के नायक सर छोटू राम रहे हैं। राष्ट्रीय आंदोलन में स्वामी सहजानंद किसानों की समस्या के प्रतीक रहे हैं। स्वतंत्रता के बाद समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया ने सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना के बाद एक नारा दिया ‘बना मुनाफा खेती-बाड़ी, उस पर लगे न माल गुजारी, जिन जोतो से लाभ नहीं, उन पर पड़े लगान नहीं।’ न्यूनतम जोतो पर सिंचाई माफ हो, जो खेती को जोते बोए वो खेती का मालिक हो। चीजों के दाम बांधे जाए। उत्पादक दाम से इस फसल के कटने से और नई फसल के आने तक डेढ़ गुना से अधिक दाम नहीं लिए जाने चाहिए।
श्री शर्मा ने बताया कि लगान माफी के सवाल पर उत्तर प्रदेश की 1967 की संबित सरकार जिसके नेता चरण सिंह थे, लगान माफी ना होने के कारण समाजवादी दल ने सरकार का समर्थन वापस लिया। चरण सिंह की सरकार गिर गई। फिर पुनः विधानसभा चुनाव हुए और लगान माफ हुआ।

advertisement

Related Articles

Back to top button
error: Sorry !!