लैंगिक समानता किसी भी समानता का सार-तत्व; यदि लैंगिक समानता नहीं, तो समाज में कोई भी समानता नहीः उपराष्ट्रपति

लैंगिक समानता सार में हो, रूप में नहीः उपराष्ट्रपति
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“महिलाएं अपने परिवार, समाज और बच्चों के लिए बहुत त्याग करती हैं”
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रिपोर्ट:-शमीम
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर बल दिया कि लैंगिक समानता किसी भी समानता का सार-तत्व है। यदि लैंगिक समानता नहीं है तो समाज में कोई भी समानता नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि यह लैंगिक समानता सार-तत्व में होनी चाहिए, केवल रूप में नहीं; और इसकी अभिव्यक्ति जमीनी वास्तविकता के रूप में होनी चाहिए।