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उप राष्ट्रपति सचिवालयभारत

लैंगिक समानता किसी भी समानता का सार-तत्व; यदि लैंगिक समानता नहीं, तो समाज में कोई भी समानता नहीः उपराष्ट्रपति

लैंगिक समानता सार में हो, रूप में नहीः उपराष्ट्रपति

महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना एक युगांतकारी घटना; यह सुनिश्चित करेगा कि भारत@2047 शिखर पर है

विधायिकाओं में महिलाएं शासन को नीतियों के निर्माण में मदद करेंगी जिससे वृहद मुद्दों का समाधान होगा

“महिलाएं अपने परिवार, समाज और बच्चों के लिए बहुत त्याग करती हैं”

उपराष्ट्रपति का छात्राओं को संबोधन, “अपने जेंडर के प्रति न्याय करना मेरे जेंडर के साथ स्वत: न्याय होगा”

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उपराष्ट्रपति ने “भारतीय संसद में महिलाओं की भूमिका” विषय पर मिरांडा हाउस के प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम को संबोधित किया

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रिपोर्ट:-शमीम 
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर बल दिया कि लैंगिक समानता किसी भी समानता का सार-तत्व है। यदि लैंगिक समानता नहीं है तो समाज में कोई भी समानता नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि यह लैंगिक समानता सार-तत्व में होनी चाहिए, केवल रूप में नहीं; और इसकी अभिव्यक्ति जमीनी वास्तविकता के रूप में होनी चाहिए।

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