रामकथा से होता है नैतिकता का विकास श्रद्धेय: चंद्रशेखर जी महाराज
रिपोर्ट अनिल कुमार सोनी
बड्डूपुर (बाराबंकी ) निदूरा क्षेत्र के ग्राम बजगहनी ऐबा, में चल रही पांच दिवसीय श्री रामकथा अमृत वर्षा की शुरुआत शनिवार से हुई। समाज में नैतिक एवं सांस्कृतिक संचार के लिए तीसरी बार रामकथा का आयोजन किया गया है। रामकथा अमृत वर्षा में कथावाचक चन्द्रशेखर जी महाराज ने कहा कि रामकथा सुनने से मानव में नैतिकता का संचार होता है।
रामकथा सुनने से मन का जहर निकलता है। भक्ति और आध्यात्म के मार्ग पर आना कठिन है, जो इस मार्ग पर आते हैं उन पर प्रभु की विशेष कृपा रहती है। पहले दिन आयोजित इस कथा में मां दुर्गा की स्तुति की। उन्होंने कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कथा में सातों शगुन एक साथ उपस्थित रहते हैं। उन्होंने एकनाथ का एक प्रसंग सुनाया। इसमें एकनाथ ने कहा कि अशोक वाटिका में श्वेत फूल थे। इस पर हनुमान ने कहा कि नहीं फूल लाल थे। सीता से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुष्प नीले थे। इसके बाद यह प्रकरण भगवान राम के पास पहुंचा, तो उन्होंने कहा कि शास्त्र गलत नहीं है लेकिन हनुमान और सीता तुम भी गलत नहीं हो। हनुमान जब तुम लंका में गए सीता का हाल देख तुम्हारा मन गुस्से से लाल हो गया इसलिए वह फूल तुम्हें लाल दिखे, सीता तुम्हारे मन में हमेशा मैं ही बसा था यानी मेरा नीलरंग, जो आपको वह फूल नीला दिखाई दिया। अपनी-अपनी जगह दोनों सही हो। इसके पूर्व कथा व्यास हरिकेश शास्त्री प्रवेश कुमार शास्त्री लव कुश रसिया दिनेश जी ने व्यास मंच का पूजन किया । इस अवसर पर हनुमान यादव शिव सिंह रामाधार महेश रामप्रकाश दुर्वेश सुनील रजनीश प्रवेश अवधेश आदि तमाम लोग उपस्थित रहे