रेलवे में पिछले पांच वर्षों (2018-2019 से 2022-2023) और चालू वर्ष (31.12.2023 तक) के दौरान ग्रुप ‘सी’ के विभिन्न पदों के लिए 3,02,550 (अनंतिम) उम्मीदवारों को पैनलबद्ध किया गया
रिपोर्ट:-शमीम
भारतीय रेलवे के आकार, स्थानिक वितरण और परिचालन की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए रिक्तियों का होना और उन्हें भरना एक सतत प्रक्रिया है। मुख्य रूप से परिचालन संबंधी आवश्यकताओं के अनुसार भर्ती एजेंसियों के साथ रेलवे द्वारा मांगपत्र जारी करके रिक्तियां भरी जाती हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, रिक्तियां उत्पन्न हो सकती हैं और इन्हें बाद में भरा जाता है।
1.39 लाख रिक्तियों को भरने के लिए हाल ही में 2.37 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों के लिए दो प्रमुख परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। 1.26 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों के लिए सीईएन 01/2019 (एनटीपीसी) के लिए प्रथम चरण का कंप्यूटर आधारित टेस्ट 28.12.2020 से 31.07.2021 तक 7 चरणों में 68 दिनों में 133 शिफ्टों में 211 शहरों और 15 भाषाओं में 726 केंद्रों पर आयोजित किया गया था। इसी प्रकार सीईएन आरआरसी 01/2019 (स्तर 1) के लिए सीबीटी 1.11 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों के लिए 5 चरणों में 17.08.2022 से 11.10.2022 तक 33 दिनों में 99 शिफ्टों में 191 शहरों और 15 भाषाओं में 551 केंद्रों पर आयोजित किया गया था।
पिछले पांच वर्षों (यानी 2018-2019 से 2022-2023 तक) और चालू वर्ष (यानी 2023-2024 से 31.12.2023 तक) के दौरान 3,02,550 (अनंतिम) उम्मीदवारों को समूह ‘सी’ के विभिन्न पदों (स्तर 1 एवं सुरक्षा संबंधी पद सहित) के लिए पैनलबद्ध किया गया है।
कामगारों के नियोजन के लिए कार्यभार की बदलती परिस्थितियों, नई प्रौद्योगिकियों की शुरूआत, कार्य प्रणाली, नई संपत्तियों के निर्माण आदि को देखते हुए स्वीकृत संख्या की निरंतर समीक्षा की आवश्यकता होती है। रेलवे में विभिन्न गतिविधियों के लिए कार्य अध्ययन नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया भारतीय रेलवे को अपने मानव संसाधनों का सबसे कुशल और उत्पादक तरीके से उपयोग करने में सक्षम बनाती है।
रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।