Advertisement
भारतसामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को दिनांक 08.02.2024 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए  सम्‍मन जारी  किया

रिपोर्ट:-शमीम 

 दिनांक 06.09.2023 को पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार ने 87 जातियों को केन्‍द्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने हेतु उनके सामाजिक, शै‍क्षणिक और आर्थिक संबंधी ताजा आंकडे मांगे गये थे जिसकी जानकारी आयोग को  आज तक नहीं दी गयी, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है ।  इस संबंध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सुनवाई करने का निर्णय लिया है और पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को  दिनांक 08.02.2024 को 2.00 बजे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए सम्‍मन जारी किया है ।

पश्चिम बंगाल में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की दो भागों (कैटेगरी-ए और  कैटेगरी-बी) में विभाजित किया गया है । कैटेगरी-ए में अति पिछड़ी जाति शामिल हैं जिसमें कुल 81 जातियां हैं, जिसमें से 73 मुस्लिम जातियां हैं । कैटेगरी-बी में पिछड़ी जातियां शामिल हैं जिसमें कुल 98 जातियां हैं, जिसमें से 45 जातियां मुस्लिम हैं । अति पिछड़ी (कैटेगरी-ए) और पिछड़ी (कैटेगरी-बी) को मिलाकर  कुल 179 जातियां हैं जिसमें से 118 जातियां मुस्लिम हैं । दिनांक 25.03.2013 की तिथि से पश्चिम बंगाल सरकार ने  राज्य के अति पिछड़ी (कैटेगरी-ए) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया और पिछड़ी (कैटेगरी-बी) के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान  किया ।  पश्चिम बंगाल राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का कुल आरक्षण का प्रतिशत 45 प्रतिशत है जिसमें से अनुसूचित जाति को 22 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 6 प्रतिशत और ओबीसी को 17 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

मण्‍डल मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ध्‍यान में रखते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिनांक 21.03.2023 को अनुशंसा किया था कि ओबीसी के आरक्षण को 17 प्रतिशत बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है, अतएव ओबीसी के आरक्षण को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत किया जाए ।  दिनांक 14.04.2023 को पिछड़ा वर्ग कल्‍याण, पश्चिम बंगाल सरकार ने आयोग को अपने लिखित उत्‍तर में बताया है कि राज्‍य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है ।

दिनांक 06.09.2023 को पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार ने 87 जातियों को केन्‍द्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने हेतु शपथपत्र दिया था ।  87 जातियों में से लगभग 73 जातियां मुस्लिम हैं । पश्चिम बंगाल की राज्‍य सूची में शामिल कुल 179 पिछड़े वर्ग की जातियों में से 118 जातियां मुस्लिम हैं ।  वर्ष 2011 से पहले पिछड़े वर्ग की राज्‍य सूची मे शामिल कुल पिछड़ी जातियों की संख्या 108 थीं जिसमें से 53 जातियां मुस्लिम थीं। वर्ष 2011 के बाद 71 पिछड़ी जातियों को पिछडे वर्ग की राज्‍य सूची  शामिल किया गया जिसमें से 65  मुस्लिम  हैं ।

दिनांक 23.11.2023 को सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अवगत कराया है कि आज की स्थिति के अनुसार  अति पिछड़ी (कैटेगरी-ए) के लिए 3049220 ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किए गए है। और पिछड़ी जाति (कैटेगरी-बी)  के लिए 3121038 ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किये गये है । सिविल सेवा के पदों पर नियुक्‍त किये गये और उच्‍च शिक्षा में प्रवेश प्राप्‍त ओबीसी  उम्‍मीदवारों की जातिवार सूची उपलब्‍ध नहीं है।  पश्चिम बंगाल के ओबीसी की राज्‍य सूची में शामिल उन जा‍तियों की सूची अभी उपलब्‍ध नहीं  है जोकि पहले हिन्दू थी एवं बाद में मुस्लिम बनी हैं । ज‍बकि पश्चिम बंगाल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की कई सलाहों में धर्मान्‍तरण का उल्लेख है ।

विज्ञापन

विज्ञापन 2

विज्ञापन 3

विज्ञापन 4

विज्ञापन 5
advertisement

Related Articles

Back to top button
error: Sorry !!