युगपुरुष श्री अटल बिहारी वाजपई जी की दूसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई

आज दिनांक 16 अगस्त 2020 को युगपुरुष श्री अटल बिहारी वाजपई जी को वर्चुअल श्रद्धांजलि दी गई साथ ही उनकी कविताओं की प्रतियोगिता कराई गई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माते सेवा संस्थान के प्रमुख श्री अनुराग वर्मा वाह सचिव बाराबंकी ताइक्वांडो एसोसिएशन स्काउट मास्टर राजीव गांधी स्काउट जल स्वतंत्र ने वर्चुअल श्रद्धांजलि दे उसके उपरांत विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड के सहायक प्रादेशिक संगठन कमिश्नर आईटी डिपार्टमेंट के अदनान हाशमी जी ने भी श्रद्धांजलि दी साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता विमलेश सिंह और इस कार्यक्रम को आयोजित किया साथ ही संचालित करने में निवेदिता विश्कर्मा के साथ अंकित वर्मा ने कंधे से कंधा मिलाकर अपना संपूर्ण सहयोग प्रदान किया साथ ही प्रतिभाग करने वालों में अंजलि ने गीत नया गाता हूं की पंक्तियां सुनाई टूटे हुए तारों से फूटे बसंत ईश्वर पत्थर की छाती में उगाया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कूक रात वहीं द्वितीय आकर्षण का केंद्र रही कविता इस कविता को राज लक्ष्मी ने गेट हुवे कहा कि खून क्यों सफेद हो गया वेद में अभय दुख हो गया बट गए शहीद गीत कट गए कलेजे में कटार बढ़ गई दूध में दरार पड़ गई और अंतिम आकर्षण का केंद्र रही कविता को प्रिती वर्मा ने गाते कहा कि 15 अगस्त का दिन कहता है आज़ादी अभी अधूरी है सपने सच होने बाकी हैं रवि की शपथ न पूरी है इसके उपरांत विजई प्रतिभागियों को ई प्रमाण पत्र भी दिया गया उसके उपरांत कार्यक्रम के समापन की घोषणा निवेदिता विश्कर्मा वाह विमलेश सिंह ने संयुक्त रूप से किया इस पर अटल बिहारी जी की कविता नाम मैं चुप हूं ना गाता हूं कि कुछ पंक्तियां सुना कर कार्यक्रम का समापन किया गया उमेश कुमार , दीपक अवस्थी, योगेश कुमार राव, रितेश अवस्थी, अर्जुन, आरती वर्मा आदि लोग ने प्रतिभाग किया