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उप राष्ट्रपति सचिवालयभारत

मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल, अजमेर के वार्षिक पुरस्कार समारोह में माननीय उपराष्ट्रपति के संबोधन के मूल पाठ के अंश

रिपोर्ट:-शमीम 
आप सभी को नमस्कार!

शिक्षा वह सबसे प्रभावी और परिवर्तनकारी तंत्र है जो विश्व को बदल सकता है, समानता ला सकता है और असमानताओं को दूर कर सकता है।

मित्रों, बुद्धिमानों के बीच उपस्थित होना अत्यंत सम्मान और सौभाग्य की बात है। मैंने हवाई अड्डे से ही लड़कियों को देखा, उनकी आँखों में चमक थी, वे वर्तमान भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं और जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी पूरी करेगा, वे उसे 2047 में ले जाएंगी। मैं आशावाद और विश्वास से ओतप्रोत हूं कि 2047 में ये सभी लड़कियां अपनी युवावस्था के चरम पर होंगी और उनका योगदान भारत के भाग्य का निर्धारण करेगा, जिससे भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा और राष्ट्रों के शिखर पर होगा।

सिर्फ तीन दशकों में इस संस्थान ने अद्वितीय नाम और प्रसिद्धि अर्जित की है और इसकी वजह प्रबंधन की बुद्धिमानी, संकाय सदस्यों की प्रतिबद्धता और छात्रों की कड़ी मेहनत तथा जीवन के हर क्षेत्र में उनकी उपलब्धियाँ हैं। जब मैं पुरस्कार प्रदान कर रहा था तो विद्वान प्राचार्य ने मुझसे कहा कि यह पुरस्कार बहुत भारी है, इस प्रक्रिया में वह यह भूल गईं कि मैं पश्चिम बंगाल का राज्यपाल था और कठिन परिस्थितियों को संभालना मेरी मजबूरी थी।

मैं विद्यालय के सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूँ। पुरस्कारों की विविध प्रकृति यह बताती है कि इस संस्थान में समग्र शिक्षा प्रदान की जाती है।

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दोस्तों, मैं आपको सैनिक स्कूल के अपने दिनों की याद दिलाता हूं, मैं एक मेधावी छात्र था जोकि मार्कशीट से पता चलता है। हमें उससे भी आगे जाना है। मुझे बहुत खुशी है कि यह संस्थान उससे भी आगे जा रहा है। उस समय पोल्सन के अलावा किसी अन्य ब्रांड का मक्खन नहीं मिलता था। इसलिए, जब भी मैं किसी शिक्षक के साथ होता था, तो पीछे से बच्चे पोल्सन, पोल्सन कहते थे!

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मुझे बहुत खुशी है कि शिक्षा सहित हर क्षेत्र का एकीकृत विकास हो रहा है जो आपको बहुत आगे तक ले जाएगा। मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल को देश के एक प्रमुख संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है, लेकिन इससे भी अच्छी बात यह है कि स्कूल ने शिक्षा क्षेत्र के टॉपर्स के साथ-साथ देश को अच्छे निशानेबाज, एथलीट, तैराक, अभिनेता, नर्तक, संगीतकार, गायक, उद्यमी, पायलट तथा शीर्ष सिविल सेवाओं के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारी दिए हैं। यह सूची अंतहीन है और वह भी सिर्फ 35 वर्षों के इतने कम समय में।

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में, मेरा उन संस्थानों से साबिका पड़ा था जो 250 साल पुराने थे, ऐसे संस्थान जिनमें शताब्दी समारोह आयोजित किए गए थे; उनकी संख्या दोहरे अंक में थी। विश्व बैंक के अध्यक्ष जब जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए आए थे, तब उन्होंने कहा था, “भारत ने 6 वर्षों में डिजिटल पैंठ बनाने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जो हासिल किया वह पिछले 47 साल में कभी हासिल नहीं किया जा सका।‘’ यह बात उनके विचार को दर्शाती थी। तीन दशकों से कुछ अधिक समय में आपकी उपलब्धियां उन विचारों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं।

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मैं आपके 35 साल को कई गुना मानता हूं। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि 2022 में देश ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। हमारा डिजिटल लेनदेन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के संयुक्त लेनदेन से चार गुना था।

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इसलिए मैं आपकी उपलब्धियों को उस परिप्रेक्ष्य में देखता हूं।

जो बात बहुत प्रभावी मायने रखती है वह है पूर्व छात्रों द्वारा किए जाने वाले योगदान की विविधता। पूर्व छात्रों ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता से लेकर शेफ तक हर क्षेत्र में प्रभाव छोड़ा है। यही वह समय है जब ये रास्ते सभी के लिए खुल गए हैं। यदि लड़कियाँ प्रभाव डालती हैं, तो यह राष्ट्र की बदलती सकारात्मक छवि को दर्शाता है।

यह सब प्रबंधन के दूरदर्शी कदमों के कारण संभव हुआ है। उन्होंने आपके लिए ”प्रकाश होने दो” का एक आदर्श वाक्य तय किया और यही शिक्षा का सार है।

दोस्तों, इस संस्थान में आप सर्वोत्तम कार्य कर रहे हैं क्योंकि शिक्षा मानव जीवन के हर क्षेत्र में विकास की कुंजी है। तीन दशकों से अधिक समय के बाद इस ओर ध्यान दिया जा सका और अब सभी हितधारकों के सुझाव मिलने के बाद हमारे पास एक नई शिक्षा नीति है। यह एक उल्लेखनीय दस्तावेज है जो इस राष्ट्र को बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएगी। हम उन सपनों को साकार करने में सक्षम होंगे, जो कभी हमारे पास थे यानी तक्षशिला और नालंदा जैसे संस्थान बना सकेंगे।

यह नीति छात्रों को ढेर सारे विषयों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने, उनकी रचनात्मकता को पोषित करने और निखारने तथा महत्वपूर्ण विचार-कौशल को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसका लक्ष्य विज्ञान, कला और व्यावसायिक विषयों के बीच बनी कठोर सीमाओं को समाप्त करना है, ताकि छात्रों को अपनी पसंद के विषयों को उत्साहपूर्वक आगे बढ़ाने का मौका मिले। यह सीमाएं अभी तक अभेद्य थीं। छात्रों में क्षमता, योग्यता और रुझान था, लेकिन संस्थान के नियमों के तहत यह संभव नहीं था, लेकिन अब यह बाधा दूर हो गई है। मुझे यकीन है कि छात्रों को तत्काल इसका लाभ देने के लिए नई शिक्षा नीति (एनईपी) को और जल्द से जल्द अपनाया जाएगा। इससे छात्र अपनी प्रतिभा और विशेषज्ञता का पूरा फायदा उठाने, अपनी आकांक्षाओं और सपनों को साकार करने में सक्षम होंगे।

देश में पहली बार दो चीजें हुई हैं जो विशेष रूप से लड़कियों के लिए मायने रखती हैं, आप नहीं जानते होंगे, आपके बुजुर्ग जानते होंगे कि एक समय ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद था जो बाधाएं पैदा करता था, जो विकास में बाधा डालता थाऔर अपनी प्रतिभा का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता था। सौभाग्य से कई पहलों और सरकारी नीतियों के परिणामस्वरूप आज हमारे पास एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र है जो हर लड़के और लड़की को अपनी प्रतिभा को उजागर करने, क्षमता का प्रदर्शन करने और आकांक्षाओं को साकार करने की अनुमति देता है, यह इस दशक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसीलिए प्रधानमंत्री ने इस दशक को एक अलग नाम दिया है। वह इसे टैक-एड कहते हैं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण परिवर्तन है।

मित्रों आप अमृत काल में हैं, हमारी अभूतपूर्व वृद्धि के कारण हमारा अमृत काल हमारा गौरव काल है। मैं आपको तीन महीने पहले अगस्त 2023 में ले चलता हूं; चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, भारत यह गौरव पाने वाला पहला देश बना। हमारे इसरो ने कमाल कर दिया है, मैं लड़कियों से अपील करता हूं कि वे पता लगाएं कि इसरो ने कितने विकसित देशों के उपग्रहों को सबसे कुशल तरीके से अंतरिक्ष में स्थापित किया है।

दूसरे पहलू पर जाएं तो 21 सितंबर 2023 का दिन महिला सशक्तिकरण के लिए और महिला नेतृत्व वाले सशक्तिकरण के लिए इतिहास में दर्ज है। संसद और विधानमंडलों में महिलाओं का समान प्रतिनिधित्व हो, इसके लिए तीन दशकों से प्रयास किए जा रहे थे। प्रयास सफल नहीं हो सके, लेकिन प्रयास 21 सितंबर 2023 को सफल हुए, जब संसद ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान कर दिया।

मुझे आपकी पूर्ववर्ती छात्रा छवि राजावत की याद आती है, उन्होंने समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता की मिसाल पेश की, उन्होंने कॉर्पोरेट जगत छोड़ दिया, शहरी जीवन छोड़ दिया और सरपंच बनना चुना। उन्होंने पूरे देश में प्रशंसा अर्जित की, लेकिन उनके जैसी लड़कियों को इस बात से बहुत संतुष्टि मिलेगी कि लोकसभा और राज्य विधानमंडल में एक तिहाई आरक्षण होगा, जिससे आप सभी को इस देश की नीतियां बनाने का एक बड़ा अवसर मिलेगा।

पुरानी कहावत थी, एक समय था जब सोच थी, अबला जीवन है तुम्हारी यही कहानी, आंचल में है दूध, आंखों में है पानी! लेकिन अब यह कहा जाता है, आज है जमाना नारी शक्ति वंदन का। 21 सितंबर 2023 को हमने यही किया, यह ऐतिहासिक दिन और युगांतकारी विकास है जो आने वाली सदियों तक इस देश की प्रगति सुनिश्चित करेगा।

मित्रों, आपके जेंडर ने सारी बाधाएं तोड़ दी हैं। मैंने राज्यसभा में आपके जेंडर की प्रतिभा देखी है, मैंने नौकरशाही में आपके जेंडर की प्रतिभा देखी है, लेकिन कल्पना कीजिए कि अब आपकी प्रतिभा लड़ाकू पायलटों के रूप में हमारे रक्षा पाठ्यक्रमों की सहायता में है, आप रक्षा में युद्धक स्थिति ले रहे हैं। क्या बड़ा बदलाव आया है, जब मैं सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में विद्यार्थी था तो हम इस बड़े बदलाव की कल्पना नहीं कर सकते थे, अब वहां लड़कियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मुझे आपके साथ यह साझा करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि जब आप व्यापक विश्व में छलांग लगाएंगे तो कोई भी चीज आपको बाधा नहीं बनाएगी।

मुझे दो सुझाव देने हैं: कभी तनाव में न रहें, कभी दबाव में न रहें और कभी असफलता से न डरें। असफलता एक सीढ़ी है। नवाचार और अनुसंधान में शामिल होने में कभी संकोच न करें। यदि आपके मन में कोई विचार आता है, तो सुनिश्चित करें कि वह विचार आपके मन में अटका न रहे। उस विचार का पता लगाया जाना चाहिए और उसे लागू किया जाना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते, तो आप न केवल अपने साथ अन्याय कर रहे हैं, आप पूरी मानवता के साथ अन्याय कर रहे हैं और जिस विचार पर विचार किया गया और जिस पर अमल नहीं किया गया, वह उचित मानवीय प्रतिक्रिया नहीं है। मुझे विश्वास है कि आप इसका ध्यान रखेंगे और इसी मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे।

दूसरे, भारतीय होने पर गर्व करें और भारतीयता पर गर्व करें। अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करें क्योंकि पूरी दुनिया उनसे स्तब्ध है। एक समय था जब हम ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और जापान के बारे में सोचते थे और हमारी अर्थव्यवस्था को फ्रेजाइल फाइव माना जाता था। 2022 में क्या हुआ? ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया। 2030 में बारी है जापान और जर्मनी की। सभी संकेतों के अनुसार 2030 में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

मित्रों, इस संस्थान से मेरा नया जुड़ाव हुआ है, महाराजा गज सिंह जी को धन्यवाद। इसलिए मैं इस अवसर का लाभ उठाता हूं और महाराजा गज सिंह जी के माध्यम से मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल की छात्राओं को मेरे अतिथि के रूप में भारतीय संसद का दौरा करने का निमंत्रण देता हूं। आप स्वयं देख लीजिए, ढाई साल में कि हमारे पास किस तरह का भवन है, कैसी अवसंरचना है। 50 लोगों का बैच सुविधाजनक होगा लेकिन सौ लोगों के बैच को भी समायोजित किया जा सकेगा। मैं प्रबंधन से अपील करूंगा कि इस संस्थान का प्रत्येक छात्र दिल्ली जाएं और संसद की नई इमारत, विश्व के शीर्ष दस कन्वेंशन सेंटरों में से एक भारत मंडपम, यशोभूमि, प्रधानमंत्री संग्रहालय और युद्ध स्मारक को देखें। आपने ये चीज़ें पहले नहीं देखी होंगी, अवसर का लाभ उठाएं। अगर यह बहुत तेजी से होता है तो मुझे अत्यंत प्रसन्नता होगी ताकि इस वर्ष के दौरान हम संस्थान से अधिक से अधिक लड़कियों को भारतीय संसद दिखाएं और शीतकालीन सत्र निकट है।

मित्रों, जब उम्र की बात आती है तो इस संस्थान के पूर्व छात्र अपने चरम पर होंगे, लेकिन मैंने सार्वजनिक स्थान से देखा है कि पूर्व छात्र बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। वे आपके संस्थान को गौरवान्वित कर रहे हैं। मैं उप-राष्ट्रपति निवास में मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल के पूर्व छात्रों के साथ एक विचार-मंथन सत्र करूंगी और ऐसे तरीके ढूंढूंगी जिससे आप एक ऐसा कोष तैयार कर सकें, जिसमें इस परिसर को छोड़ने वाली प्रत्येक छात्रा अपने पूरे जीवन के लिए मासिक आधार पर योगदान दे और इससे बचत होगी। संस्थान को उन लोगों को शिक्षा उपलब्ध कराने का अवसर देकर कई लड़कियों का भविष्य बनाना है जिनके पास अन्यथा यह नहीं है।

मित्रों, जब उम्र की बात आती है तो इस संस्थान के पूर्ववर्ती छात्र केवल अपनी युवावस्था में होंगे, लेकिन मैंने सार्वजनिक तौर पर देखा है कि पूर्ववर्ती छात्र बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। वे आपके संस्थान को गौरवान्वित कर रहे हैं। मैं उप-राष्ट्रपति निवास में मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल के पूर्व छात्रों के साथ विचार-विमर्श करूंगा और ऐसे उपाय खोजूंगा जिससे आप एक ऐसा कोष तैयार करें जहां इस परिसर को छोड़ने वाली प्रत्येक छात्रा अपने पूरे जीवन के लिए मासिक आधार पर योगदान दे और जो संस्थान को उन लोगों को शिक्षा उपलब्ध कराने का अवसर प्रदान करके कई लड़कियों के भविष्य को बचाएगा, जिनके पास अन्यथा यह नहीं हो सकता है।

मित्रों, हम भाग्यशाली हैं कि पूर्ववर्ती छात्र संघ के अध्यक्ष यहां हैं और मुझे विश्वास है कि अध्यक्ष वर्ष के अंत से पहले इस बातचीत को सफल बनाएंगे और मेरे कार्यालय से कोई उनके संपर्क में रहेगा।

अंततः राष्ट्रगान, गणेश जी की स्तुति सुनी, भरतनाट्यम देखा, अद्भुत!

मैं एक स्कूल प्रीफेक्ट रहा हूं, लेकिन वे दिन थे जब स्कूल प्रीफेक्ट की नियुक्ति अकादमिक आधार पर होती थी, लेकिन जब मैंने यहां स्कूल प्रीफेक्ट, हाउस प्रीफेक्ट को देखा, तो क्या जबरदस्त संयोजन था। यह पर्याप्त संकेत देता है कि परिसर में जीवन के परिणामस्वरूप आपकी सभी प्रतिभाओं और आपके व्यक्तित्व के सभी पहलुओं का समग्र प्रदर्शन हो रहा है।

मैं स्कूल, विद्यार्थियों और उनके परिवारों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं क्योंकि आप सीखने और विकास की अपनी यात्रा जारी रख रहे हैं। मैं एक बार फिर महाराजा गज सिंह जी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे उन लोगों के साथ अपने विचार साझा करने का अवसर उपलब्ध कराया, जो मेरे अनुसार पैदल सैनिक हैं, भारत@2047 के योद्धा हैं। यह उनके कंधों पर है कि भारत 2047 में विश्व का सबसे विकसित राष्ट्र बनने के अपने सपने को साकार करेगा। मेयो कॉलेज गर्ल्स कॉलेज की भावना आने वाले वर्षों में भी उज्ज्वल रूप से चमकती रहे।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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