मा0मुख्यमंत्री के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रम 37 बिन्दु की समीक्षा बैठक आहूत की गई।
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रिपोर्ट :- शिवा वर्मा/यूपी ब्रेकिंग न्यूज़
बाराबंकी। कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में मा0मुख्यमंत्री के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रम 37 बिन्दु की समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक के दौरान विद्युत कनेक्शन, विद्युत भुगतान, स्वानिधि योजना, किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, पशुधन विभाग, टीकाकरण, आपरेशन कायाकल्प, प्रधानमंत्री आवास शहरी, एनआरएलएम, मनरेगा, मुख्यमंत्री आवास, जिओ टैगिंग, कौशल विकास समिति, वृक्षारोपण समिति, अंत्येष्टि स्थल, सामूहिक विवाह, शादी अनुदान, आंगनबाड़ी पोषण अभियान, कौशल विकास मिशन, परिवार नियोजन, लघु सिंचाई, जमीन पट्टा, नलकूप, गन्ना, भूमि संरक्षण, कृषि रक्षा, खादी ग्रामोद्योग, नगर विकास, बेसिक शिक्षा, पंचायती राज, खनन, युवा कल्याण, विकलांग, सहकारिता, किसान सम्मान निधि, सेवायोजन, वन विभाग, उद्योग विभाग, कन्या सुमंगला योजना, मत्स्य संपदा योजना, दीन दयाल अन्त्योदय, पाक्सो एक्ट, आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण, दुग्ध समिति, आयुष्मान कार्ड सहित विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने महिला कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि बाल सेवा योजना बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है , इसमें किसी भी प्रकार की पेंडेंसी नहीं रहनी चाहिए। इस योजना से आच्छादित बच्चों को अभ्युदय योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। जिससे कि आगे इन बच्चों का भविष्य और अच्छा हो सके। सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत आवेदन लिए जा रहे हैं, इसके साथी ही मछुआरा दुर्घटना योजना में किसी भी प्रकार की कोई पेंडेंसी शेष नहीं है। जिलाधिकारी ने सहायक श्रम आयुक्त को श्रमिकों का पंजीकरण अधिक से अधिक करने के निर्देश दिए।
बैठक में गन्ना विभाग की समीक्षा करते हुए बताया गया है कोई भी भुगतान शेष नही है । उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थी तक समयान्तर्गत अवश्य उपलब्ध करा दी जाये। कृत्रिम अंग उपकरण वितरण हेतु पात्र लाभार्थियों का चयन कर वितरित कराया जाये। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि पशुओं का टीकाकरण का कार्य पूरा कर लिया जाये। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि खरीफ की फसल के सीजन को देखते हुए कार्य योजना पहले से बना लिया, जिससे कि उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, उप कृषि निदेशक, उपायुक्त उद्योग, जिला कृषि अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।