मानव को मानव से जोड़ना ही है अंबेडकरवाद का मकसद: शुक्ला।
बस स्टेशन के निकट स्थित डीसीडीएफ कार्यालय पर हुई बैठक।
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रिपोर्ट :- शिवा वर्मा।
बाराबंकी। बस स्टेशन के निकट जिला सहकारी विकास संघ के कार्यालय परिसर पर एक बैठक हुई। इसमें संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेस नेता सईद अहमद ने व संचालन प्रशांत शुक्ला ने किया।
जिला सहकारी विकास संघ के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंडित शिव शंकर शुक्ला ने कहा कि आज जिसे देखो वही कहता नज़र आता है कि मैं अम्बेडकरवादी हूँ लेकिन क्या उसे ये पता होता है कि अम्बेडकरवाद है क्या? उन्होंने कहा कि किसी को शायद ही पता हो कि अम्बेडकरवाद असल में है क्या? अम्बेडकरवाद किसी भी धर्म, जाति, रूढ़वादिता, अंधविश्वास, अज्ञानता तथा किसी भी प्रकार के भेदभाव या रंगभेद को नहीं मानता। अम्बेडकरवाद मानव को मानव से जोड़ने या मानव को मानवता के लिए बनाने का नाम है। उन्होंने कहा कि आज हर तरफ तथाकथित अम्बेडकरवादी पैदा होते जा रहे हैं परन्तु अपनी रुढ़िवादी सोच को वो लोग छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं। क्या आज तक रुढ़िवादी सोच से किसी मानव या समाज का उद्धार हो पाया है? अगर ऐसा होता तो शायद अम्बेडकरवाद का जन्म ही नहीं हो पाता। अम्बेडकरवादी कहलाने से पहले रुढ़िवादी विचारों को छोड़ना पड़ेगा। वैज्ञानिक तथ्यों पर विचार करना पड़ेगा, तभी अम्बेडकरवादी कहलाना सार्थक होगा। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के बताये रास्ते पर चलना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस मौके पर आनंद शुक्ला, प्रशांत शुक्ला, अजय सिंह, तेज कुमार शुक्ला, दीनानाथ अवस्थी, रमेश वर्मा, धुन्नी सिंह, रामविलास प्रजापति, कमलेश यादव, प्रदीप यादव, इसरार अहमद, प्रेम चंद्र चतुर्वेेदी, सईद अहमद, प्रशांत शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।