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भारतसड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति

रिपोर्ट:-शमीम 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन का दायित्व सौंपा गया है। राजमार्गों के विकास के लिए धनराशि सरकार द्वारा बजटीय आवंटन और आंतरिक और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों (आईईबीआर) के तहत उधार लेने के लिए एनएचएआई को मंजूरी के माध्यम से प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परिसंपत्ति मुद्रीकरण के माध्यम से संसाधन जुटाता है। इसके अलावा, आईईबीआर को वित्त वर्ष 2023-24 से बंद कर दिया गया है।

पिछले पांच वर्षों के दौरान उधारी का वर्षवार विवरण संलग्न है।

एनएचएआई के पास अपनी उधारी को चुकता करने के लिए एक रोड मैप है।

भूमि अधिग्रहण में देरी, पेड़ों की कटाई, उपयोगिता स्थानांतरण, बेमौसम बारिश, स्थानीय आंदोलन, वन मंजूरी और उसके बाद महामारी कोविड​​-19 आदि जैसे विभिन्न मुद्दों के कारण लगभग 167 परियोजनाओं में देरी हुई है। देरी के कारण इन परियोजनाओं की लागत में वृद्धि हुई है। परियोजना का पूरा होना परियोजना समय चक्र के दौरान मूल्य वृद्धि सहित साइट/स्थानीय/परियोजना विशिष्ट कारकों के अधीन है और वास्तविक लागत वृद्धि केवल परियोजना के अंतिम समापन पर ही सुनिश्चित की जा सकती है।

भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम 1988 के तहत उसका का गठन किया गया है। भारत सरकार की एक कार्यकारी एजेंसी के रूप में, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत सरकार की ओर से उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करता है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सभी प्राप्तियां भारत की समेकित निधि (सीएफआई) में भी जमा की जाती हैं।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की उधारी

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पिछले पांच वर्षों के दौरान लिए गए उधार का विवरण इस प्रकार हैः

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(करोड़ रुपये में)

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वित्त वर्ष                          राशि (मूल)

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2018-19                         61,217

2019-20                         74,987

2020-21                         65,080

2021-22                         76,150

2022-23                         798

*भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने वित्त वर्ष 2022-23 में 54-ईसी बांड के माध्यम से कुल 798 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 के बाद के लिए कोई आईईबीआर नहीं है।

यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।

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